
केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर किसानों का दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रदर्शन (Farmers Protest) जारी है. इन प्रदर्शनों में हजारों की संख्या में किसान शामिल हैं और सरकार से कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. आंदोलनरत किसानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के सशर्त बातचीत के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है. इस बीच, किसान आंदोलन (Farmers Agitation) को लेकर रविवार रात को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर बड़ी बैठक हुई. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे. इस बैठक में किसान आंदोलन को लेकर चर्चा हुई और सारे हालात की समीक्षा की गई. यह बैठक करीब दो घंटे तक चली. किसानों की ओर से सशर्त वार्ता का प्रस्ताव खारिज किए जाने के बाद यह बैठक हुई.
बता दें कि रविवार सुबह किसान नेताओं की बैठक हुई, जिसमें उन्होंने अमित शाह के सशर्त वार्ता के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. किसान नेताओं का कहना है कि सरकार हम पर बातचीत के लिए शर्तें थोप रही है, लिहाजा वह दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर ही प्रदर्शन करते रहेंगे. सरकार को यह सोचना बंद कर देना चाहिए कि यह वार्ता किसानों को नए कानूनों का लाभ बताने के लिए हो रही है. उन्हें एक प्रस्ताव किसान नेताओं के सामने रखना चाहिए.
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को किसानों को 3 दिसंबर को बातचीत का न्योता दिया था. शाह ने कहा था कि किसान उससे पहले वार्ता करना चाहते हैं तो उन्हें दिल्ली-हरियाणा सीमा छोड़कर बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड पर जाना होगा. उन्होंने कहा था कि सरकार किसानों से किसी मुद्दे या समस्या पर बातचीत करने को तैयार है. इसके पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी किसानों को वार्ता का आमंत्रण दे चुके हैं.
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