आंदोलन खत्‍म कर सकते हैं किसान, बातचीत में सकारात्‍मक संकेत : सूत्र

Farmers Protest End : सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार से किसानों को पत्र भेजा गया है. सरकार MSP पर कमेटी बनाएगी. आंदोलन में हुए सारे मुक़दमे वापस होंगे. पराली जलाने पर मुक़दमे नहीं होंगे.किसान सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे हैं. किसान आंदोलन वापसी पर फ़ैसला ले सकते हैं

नई दिल्ली:

किसान आंदोलन (Kisan Andolan) खत्म करने का ऐलान जल्द हो सकता है. सूत्रों का कहना है कि सरकार के साथ किसानों की मांगों को लेकर बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ी है. सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार से किसानों को पत्र भेजा गया है. सरकार MSP पर कमेटी बनाएगी. आंदोलन में हुए सारे मुक़दमे वापस होंगे. पराली जलाने पर मुक़दमे नहीं होंगे.किसान सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे हैं. किसान आंदोलन वापसी पर फ़ैसला ले सकते हैं. किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी (MSP Guarantee) , किसानों पर मुकदमों की वापसी और किसान आंदोलन के दौरान शहीद किसानों को मुआवजा (Compensation) देने की मांग पर लिखित आश्वासन मांग रहे थे. 

सरकार ने आंदोलित किसानों को लिखित आश्वासन दिया है कि एमएसपी गारंटी सहित उनकी तमाम मांगों को मानने का भरोसा दिया है. सूत्रों के अनुसार, मंगलवार दोपहर को बड़ा फैसला आने के संकेत मिले हैं. किसान आंदोलन (Farmers Protest) करीब 15 माह से पंजाब और दिल्ली की सीमाओं (Delhi Borders) पर चल रहा है. सूत्रों के अनुसार, किसान संगठनों को भेजे पत्र में सरकार ने कहा है कि एमएसपी पर एक कमेटी बनाई जाएगी. साथ ही किसानों पर आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमे वापस ले लिए जाएंगे. पराली के मामले में भी किसानों पर दर्ज केस वापस लिए जाएंगे. किसान नेता इस प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं. 

क्या किसान ये प्रस्ताव स्वीकार कर अपने आंदोलन को खत्म करने का ऐलान करेंगे. यह पिछले एक साल से किसानों की मांग को लेकर चले आंदोलन का बड़ा पड़ाव हो सकता है. एक साल के  दौरान कई बार किसानों और पुलिस प्रशासन के बीच टकराव हुआ है. दिल्ली में 26 जनवरी को अराजकता भरा माहौल भी दिखा था. साथ ही लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में प्रदर्शनकारी किसानों को कुचलने की घटना ने बड़ा आक्रोश पैदा किया था. विपक्षी दल संसद में किसानों की मांगों को लेकर सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं. 

किसानों को भेजे गए सरकार के पत्र के मुख्य बिंदु-----

1. पहले प्वाइंट में लिखा है कि एमएसपी पर प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक समिति बनाने की घोषणा की है. इस समिति में केंद्र सरकार, राज्य और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ कृषि वैज्ञानिकों को भी शामिल किया जाएगा. इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य भी शामिल होंगे. 
2. जहां तक किसानों पर आंदोलन के दौरान मुकदमों का सवाल है, उस पर यूपी  और हरियाणा सरकार ने इसके लिए पूरी तरह सहमति दे दी है. आंदोलन वापस लेने के बाद तत्काल ही ये मुकदमे वापस ले लिए जाएंगे.
3. किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार के संबंधित विभाग और केंद्रशासित प्रदेशों में हुए आंदोलन के दौरान भी केस वापस लेने की सहमति बनी है. 
4. जहां तक मुआवजे का सवाल है, उस पर भी यूपी और हरियाणा सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है. पंजाब सरकार ने पहले ही इसको लेकर सार्वजनिक तौर पर घोषणा कर दी है. 
5. जहां तक बिजली संशोधन बिल का प्रश्न है, संसद में इस विधेयक को पेश किए जाने से पहले सभी संबंधित पक्षों से राय मशविरा किया जाएगा.
6. पराली के मुद्दे पर सरकार ने जो कानून पारित किया है, इसमें धारा 14 और 15 में आपराधिक जवाबदेही से किसानों को अलग कर दिया गया है.

दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकसभा में आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग को लेकर उन्होंने अपनी बात रखी. उन्होंने पंजाब और हरियाणा के मारे गए किसानों की लिस्ट भी दिखाई. साथ ही बताया कि पंजाब सरकार ने इन किसानों के परिवारों को मुआवजा देने के साथ नौकरी देने का काम भी किया है. 

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सूत्रों ने भी कहा है कि अगर कोई गतिरोध का बिंदु रह भी जाता है तो आगे भी दोनों पक्षों में एक और दौर की बातचीत हो सकती है. पिछले हफ्ते किसानों ने बताया था कि गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे फोन पर बात की थी और उनके लंबित मुद्दों पर चर्चा की थी. किसानों ने सरकार के प्रस्ताव के बाद एक पांच सदस्यों की समिति बनाई है, जो एमएसपी को कानूनी गारंटी देने, मुकदमों की वापसी और मुआवजे समेत अन्य मांगों पर सरकार के साथ आगे बातचीत करेगी.