दिल्ली-एनसीआर में फैले प्रदूषण के बीच किसानों द्वारा पराली जलाने का मामला एक बार फिर उठ गया है. दिल्ली और उससे सटे शहरों में हवा का बहुत बुरा हाल है. इसको लेकर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई भी की गई. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सरकार पराली जलाने के मुद्दे के अलावा प्रदूषण के दूसरे कारणों की ओर भी ध्यान दे. पराली जलाने से कुछ फीसद ही प्रदूषण हो रहा है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 'किसानों को कोसने' का सरकार का फैशन बन गया है.
इसी बीच हरियाणा कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा का पराली जलाने के मामले पर बयान आया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने उनके हवाले से लिखा है, 'किसान इसे जलाने को मजबूर हैं. सरकार इस पर एमएसपी तय करे, किसानों से खरीदे और बिजली उत्पादन जैसे अन्य उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल करे.'
Farmers are forced to burn it. Government should fix MSP on this, buy it from farmers and use it for other purposes like power generation: Haryana LoP and Congress leader Bhupinder Singh Hooda on stubble burning (13.11) pic.twitter.com/sPJsdpe3I6
— ANI (@ANI) November 13, 2021
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न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीआर में नोएडा शनिवार को सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा, जबकि प्रदूषण के मामले में गुरुग्राम दूसरे नंबर पर तथा फरीदाबाद तीसरे नंबर पर रहा. एनसीआर के सभी प्रमुख शहर अति गंभीर श्रेणी में हैं.
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वायु प्रदूषण के "मापक ऐप" समीर के अनुसार शनिवार को नोएडा की एक्यूआई 484 रही जबकि गाजियाबाद की 460, ग्रेटर नोएडा की 444, फरीदाबाद की 468, बल्लभगढ़ की 429, गुरुग्राम की 432, आगरा 405, बहादुरगढ़ 439, बल्लभगढ़ 429 भिवानी 476, बुलंदशहर 479, हापुड़ 405, मेरठ 350 एक्यूआई दर्ज की गई.
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