हरियाणा के करनाल जिले में ‘क्रूर' पुलिस कार्रवाई से नाराज किसानों ने शनिवार को पूरे हरियाणा में कई सड़कों को बंद कर दिया. किसान आगामी नगरपालिका चुनाव पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में एक बैठक का विरोध कर रहे थे. इसके बाद दिन में किसानों पर पुलिस की तरफ से दूसरी बार लाठीचार्ज हुआ. इस बार किसान जालियांवाला बाग के आधुनिकीकरण के उद्घाटन में पीएम नरेंद्र मोदी के वर्चुअल भाषण का विरोध कर रहे थे. इस बीच, करनाल में एसडीएम के विवादास्पद वीडियो की भी खूब आलोचना हुई. इस वीडियो से भी किसानों का गुस्सा काफी भड़का. विवादास्पद वीडियो में एसडीएम की तरफ से पुलिस से कहा गया कि प्रदर्शनकारियों का ‘सिर फोड़' देना चाहिए.
Another gem from SDM Karnal Mr Ayush Sinha pic.twitter.com/1hhujhD5Cl
— Mohammad Ghazali (@ghazalimohammad) August 28, 2021
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किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण दिल्ली-चंडीगढ़ राजमार्ग सहित प्रमुख सड़कों और राजमार्गों पर यातायात प्रभावित रहा. हालांकि, प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए सात किसानों को रिहा किए जाने के बाद देर शाम ही राजमार्गों को यातायात के लिए खोल दिया गया. तस्वीरों में किसान बीच सड़क पर खटिया पर बैठे दिखाई दे रहे हैं, जबकि उनके आसपास कुछ और किसान बैठे या खड़े नजर आ रहे हैं. किसानों के सड़क बंद करने की वजह से वाहनों की तीन किलोमीटर तक लंबी कतार लग गई है.
Samyukt Kisan Morcha asks farmers to block roads across Haryana against the police action on farmershttps://t.co/QTJMeOP3zc
— Mohammad Ghazali (@ghazalimohammad) August 28, 2021
एक अन्य वीडियो में दो पुलिसकर्मी एक ऐसे शख्स से बहस करते हुए नजर आ रहे हैं, जो कि बुरी तरह से घायल प्रतीत हो रहा है. उसकी शर्ट पर खून लगा हुआ है और सर पर पट्टी बंधी हुई है. वहीं, तीसरे वीडियो में हाइवे पर दंगा पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी इक्ट्ठा होती नजर आ रही है. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार कम से कम 10 लोग घायल हो गए हैं. हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने पीटीआई के हवाले से कहा, "पुलिस द्वारा की गई बेरहमी से लाठीचार्ज के बाद कई किसान घायल हो गए हैं. कुछ किसानों को खून से लथपथ देखा जा सकता है." हालांकि, पुलिस ने कहा कि केवल हल्का बल प्रयोग किया गया, क्योंकि प्रदर्शनकारी यातायात को प्रभावित कर रहे थे.
Traffic jam on highways pic.twitter.com/adLlz6Sblo
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वहीं, किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान संगठनों के एक शीर्ष समूह 'संयुक्त किसान मोर्चा' ने किसानों पर पुलिस की कार्रवाई को "बर्बर" कृत्य करार दिया है. साथ ही इसके विरोध में राज्यभर में किसानों से विरोध करने का आह्वान किया. संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शनपाल ने फेसबुक पोस्ट में किसानों से शाम 5 बजे सड़क जाम करने और आज की झड़प के दौरान पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनकी तत्काल रिहाई के लिए विरोध प्रदर्शन का आग्रह किया.
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