प्रतीकात्मक तस्वीर
इंदौर:
पुलिस अफसरों के सामने उस वक्त अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई जब एक किसान ने पुलिस की ऑनलाइन सेवा 'क्राइम वॉच' पर संदेश भेजकर गुहार लगाई कि उसकी भैंस चुरा ली गई है। लिहाजा भैंस को खोजकर उसके सुपुर्द किया जाये।
अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) विनय प्रकाश पॉल ने रविवार को बताया, ''मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के एक किसान ने हमें 'क्राइम वॉच' पर संदेश भेजते हुए कहा कि कल रात उसकी भैंस चोरी हो गई है। वहां की स्थानीय पुलिस ने चोर को तो पकड़ लिया है। लेकिन भैंस नहीं मिल पा रही है।''
पॉल के मुताबिक किसान ने संदेश में लिखा, 'साहब, आपका बड़ा नाम सुना है। आप मेरी भैंस मुझे दिलवा दीजिये।' एएसपी ने किसान का नाम गोपनीय रखते हुए बताया कि संदेश भेजने वाले को समझाया गया है कि 'क्राइम वॉच' शुरू करने का मकसद इंदौर जिले में अपराधों के बारे में आम लोगों से सूचना हासिल करना है।
उन्होंने कहा, ''हालांकि, हमने किसान से यह भी कहा कि अगर उसे संदेह है कि उसकी भैंस को चुराकर किसी खास स्थान पर छिपा कर रखा गया है, तो हम शाजापुर पुलिस से समन्वय के जरिये उसकी मदद कर सकते हैं।''
पॉल ने बताया कि 'क्राइम वॉच' को नवंबर 2015 में शुरू किया गया था। इस ऑनलाइन सेवा पर मिलने वाली सूचनाओं से पुलिस को अपराधों पर अंकुश और अपराधियों की धर-पकड़ में खासी मदद मिल रही है। उन्होंने बताया कि आम लोगों में सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग के मद्देनजर वॉट्सऐप, फेसबुक और ट्विटर पर भी 'क्राइम वॉच' उपलब्ध है। इस ऑनलाइन सेवा के जरिये पुलिस को सूचनाएं देने वाले लोगों का नाम गुप्त रखा जाता है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) विनय प्रकाश पॉल ने रविवार को बताया, ''मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के एक किसान ने हमें 'क्राइम वॉच' पर संदेश भेजते हुए कहा कि कल रात उसकी भैंस चोरी हो गई है। वहां की स्थानीय पुलिस ने चोर को तो पकड़ लिया है। लेकिन भैंस नहीं मिल पा रही है।''
पॉल के मुताबिक किसान ने संदेश में लिखा, 'साहब, आपका बड़ा नाम सुना है। आप मेरी भैंस मुझे दिलवा दीजिये।' एएसपी ने किसान का नाम गोपनीय रखते हुए बताया कि संदेश भेजने वाले को समझाया गया है कि 'क्राइम वॉच' शुरू करने का मकसद इंदौर जिले में अपराधों के बारे में आम लोगों से सूचना हासिल करना है।
उन्होंने कहा, ''हालांकि, हमने किसान से यह भी कहा कि अगर उसे संदेह है कि उसकी भैंस को चुराकर किसी खास स्थान पर छिपा कर रखा गया है, तो हम शाजापुर पुलिस से समन्वय के जरिये उसकी मदद कर सकते हैं।''
पॉल ने बताया कि 'क्राइम वॉच' को नवंबर 2015 में शुरू किया गया था। इस ऑनलाइन सेवा पर मिलने वाली सूचनाओं से पुलिस को अपराधों पर अंकुश और अपराधियों की धर-पकड़ में खासी मदद मिल रही है। उन्होंने बताया कि आम लोगों में सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग के मद्देनजर वॉट्सऐप, फेसबुक और ट्विटर पर भी 'क्राइम वॉच' उपलब्ध है। इस ऑनलाइन सेवा के जरिये पुलिस को सूचनाएं देने वाले लोगों का नाम गुप्त रखा जाता है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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