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This Article is From Apr 30, 2019

Fani Cyclone: आखिर तूफान का नाम 'फानी' कैसे पड़ा? जानिए इससे जुड़ी खास बातें

इस साल आए तूफान को 'फानी' (Phani) नाम दिया गया है. वहीं, पिछले साल 2018 में बंगाल की खाड़ी से चले तूफान को 'तितली' नाम दिया गया था. यह 'तितली' नाम पाकिस्तान ने दिया था. यहां जानिए आखिर इस बार इस तूफान का 'फेनी' (Fani Cyclone) नाम कैसे पड़ा.

Fani Cyclone: आखिर तूफान का नाम 'फानी' कैसे पड़ा? जानिए इससे जुड़ी खास बातें
Fani (फानी)
चेन्नई:

Fani Cyclone: बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान 'फानी' (Fani) तेज़ी से उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है. इसका केंद्र चेन्नई से 810 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व की ओर और मछलीपट्टनम (आंध्रप्रदेश) से 950 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में था. भारत मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि बुधवार (1 मई) तक यह तूफान 'बेहद खतरनाक चक्रवात' का रूप ले सकता है. इससे बचने के लिए उत्तर आंध्रप्रदेश में मछुआरों को 1 से 3 मई के दौरान और ओडिशा व पश्चिम बंगाल के तटीय इलाके के मछुआरों को दो मई से समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है. सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और भारतीय तटरक्षक बल को हाई अलर्ट पर रखा है. अब 'फानी' तूफान 1 मई तक उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और उसके बाद उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर ओडिशा तट की तरफ मुड़ जाएगा. 

इस साल आए तूफान को 'फानी' (Phani Cyclone) नाम दिया गया है. वहीं, पिछले साल 2018 में बंगाल की खाड़ी से चले तूफान को 'तितली' नाम दिया गया था. यह 'तितली' नाम पाकिस्तान ने दिया था. यहां जानिए आखिर इस बार इस तूफान का 'फानी' (Fani Cyclone) नाम कैसे पड़ा.

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कैसे तय होता है तूफान का नाम?
सबसे पहले विश्‍व मौसम विज्ञान संगठन ने चक्रवातों के नाम रखने की शुरुआत की. वहीं, भारत में तूफानों का नाम देने का चलन 2004 से शुरू हुआ. भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाइलैंड ने भी तूफानों का नाम देने का फॉर्मूला तैयार किया. इन 8 देशों की ओर से सुझाए गए नामों के पहले अक्षर के अनुसार उनका क्रम तय किया जाता है और उसी क्रम के अनुसार चक्रवातों के नाम रखे जाते हैं.

इन सभी आठ देशों ने वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (World Meteorological Organization) को तूफानों के नाम की लिस्ट दी हुई है. इसमें भारत ने 'अग्नि', 'बिजली', 'मेघ', 'सागर' और 'आकाश' जैसे नाम दिए. वहीं, पाकिस्तान ने 'निलोफर', 'बुलबुल' और 'तितली' जैसे नाम दिए. इन्हीं नामों में से वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन तूफान का नाम रखती है.

इन आठ देशों में अगर चक्रवात आता है तो भेजे गए नामों में बारी-बारी एक नाम चुना जाता है. भारत में 10 साल तक एक नाम दोबारा इस्‍तेमाल नहीं किया जाता. साथ ही ज्‍यादा तबाही मचाने वाले चक्रवातों के नाम को निरस्‍त कर दिया जाता है. इस बार बांग्लादेश के सुझाव पर तूफान का नाम 'फानी' रखा गया है.

वहीं, अमेरिका हर साल तूफानों के 21 नामों की सूची तैयार करता है. हालांकि अंग्रेजी के हर एल्‍फाबेट से एक नाम रखा जाता है. लेकिन Q,U,X,Y और Z एल्‍फाबेट से तूफान का नाम रखने की परंपरा नहीं है. अगर एक साल में 21 से ज्‍यादा तूफान आएं तो फिर उनका नाम ग्रीक अल्‍फाबेट अल्‍फा, बीटा, गामा के नाम से रख दिया जाता है. इन नामों में ऑड-ईवन का फॉर्मूला अपनाया जाता है. जैसे ऑड सालों में चक्रवात का नाम औरतों के नाम पर रखा जाता है, जबकि ईवन सालों में आए तूफान के नाम पुरुषों पर आधारित होते हैं.

कहने का मतलब है कि ऑड साल जैसे कि 2019, 2021 और 2023 में आने वाले तूफानों के नाम औरतों के नाम पर रखे जाएंगे. वहीं ईवन साल जैसे कि 2018, 2020 और 2022 में आने वाले तूफानों के नाम पुरुषों के नाम पर आधारित होंगे.

VIDEO: मौसम विभाग से आई अच्छी खबर

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