हामिद अंसारी (फाइल फोटो)
मुंबई:
कथित जासूसी के मामले में पाकिस्तान की जेल में बंद मुंबई के एक इंजीनियर के माता-पिता ने पड़ोसी देश के अधिकारियों से दया दिखाने और उनके बेटे को मानवीय आधार पर रिहा करने की अनुरोध किया है।
इंजीनियर हैं हामिद अंसारी
इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने वाले 31 वर्षीय हामिद अंसारी की मां फौजिया अंसारी ने कहा, मैं भारत और पाकिस्तान सरकार से अनुरोध करती हूं कि वे मेरे बेटे के मामले को दया की भावना से और राजनीति से ऊपर उठकर देखें। हामिद अंसारी पाकिस्तान की अदालत में तीन साल से जेल में बंद हैं।
एक लड़की से मिलने पाकिस्तान गया था अंसारी
हामिद अंसारी वर्ष 2012 में अवैध तरीके से अफगानिस्तान से पाकिस्तान गया था। ऐसा बताया जाता है कि वह एक लड़की से मिलने पाकिस्तान गया था, जिससे ऑनलाइन बातचीत के जरिए उसकी दोस्ती हुई थी। वह पाकिस्तान जाने के बाद लापता हो गया था। उसे बाद में गिरफ्तार किया गया और पाकिस्तानी सैन्य अदालत में उसके खिलाफ मुकदमा चलाया गया, जिसने हामिद अंसारी को जासूसी करने का दोषी ठहराया।
हामिद अंसारी के माता-पिता ने पाकिस्तान की एक अदालत में उस समय बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की जब उन्हें जनवरी में पता चला कि उनका बेटा पाकिस्तानी सेना की हिरासत में है।
खैबर पख्तूनख्वा की कोर्ट ने दोषी ठहराया
उसे पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कोहाट शहर में रविवार को दोषी ठहराया गया था और पेशावर केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया।
बेटे को सुरक्षित वापस लाना चाहती हैं फौजिया
55 वर्षीय फौजिया ने कहा, हमें 13 जनवरी को पता चला कि हमारा बेटा जीवित है और पाकिस्तान सेना की हिरासत में है और उसके खिलाफ मुकदमा चल रहा है। हमें उम्मीद थी कि हम उसे अंतत: सुरक्षित लाने में सक्षम होंगे, लेकिन हालिया गतिविधि से हमें झटका लगा है और हमें अपने बेटे को भारत वापस लाने के लिए और इंतजार करना होगा। सड़क दुर्घटना का शिकार होने पर फौजिया के टखने का ऑपरेशन हुआ है।
मां लेक्चरर, पिता रिटायर्ड बैंक प्रबंधक, भाई दंत चिकित्सक है
उन्होंने कहा, हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है। हमें भगवान पर भरोसा है। हमें भारत सरकार और न्यायपालिका पर भरोसा है और हम उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए हमारी ओर से हर संभव कोशिश करेंगे। फौजिया ने कहा, हमें भरोसा है कि दोनों सरकारें इस बात पर सहमत होंगी कि मानव जीवन कीमती है और उसके जैसे शिक्षित युवक को पाकिस्तान की जेल में नहीं रखा जाना चाहिए। यहां एक जूनियर कॉलेज में हिन्दी की लेक्चरर फौजिया ने कहा, मुझे नहीं पता कि मेरे बेटे ने क्या अपराध किया है। उसने लापता होने से पहले फेसबुक पर उसकी पाकिस्तानी मित्र से जो बातचीत की थी, उसके उनुसार वह एक लड़की की मदद करने पाकिस्तान गया था, जो एक सामाजिक बुराई की पीड़िता थी। हामिद अंसारी के पिता नेहाल अहमद अंसारी (59) एक सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक हैं और उसका बड़ा भाई खालिद अंसारी (32) दंत चिकित्सक है।
ओआरएफ के अध्यक्ष सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा, हम भारत और पाकिस्तान के उन लोगों का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने हामिद का पता लगाने के लिए निरंतर काम किया। कुलकर्णी का एनजीओ भी युवक का पता लगाने के प्रयासों में शामिल रहा है।
फेसबुक के जरिये हुई थी लड़की की दोस्ती
उन्होंने कहा, हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि वह निर्दोष है। वह वहां अपनी प्रेमिका से मिलने गया था, जिससे उसकी दोस्ती फेसबुक के जरिये हुई थी। उसका जासूसी संबंधी गतिविधियों में शामिल होने की कोई इरादा नहीं था। कुलकर्णी ने कहा, हम उनके माता-पिता के साथ हैं। सबसे बड़ी राहत की बात है कि वह जीवित है। वह पहले ही कैद में तीन साल काट चुका है और अब उसे मानवीय आधार पर रिहा कर दिया जाना चाहिए।
इंजीनियर हैं हामिद अंसारी
इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने वाले 31 वर्षीय हामिद अंसारी की मां फौजिया अंसारी ने कहा, मैं भारत और पाकिस्तान सरकार से अनुरोध करती हूं कि वे मेरे बेटे के मामले को दया की भावना से और राजनीति से ऊपर उठकर देखें। हामिद अंसारी पाकिस्तान की अदालत में तीन साल से जेल में बंद हैं।
एक लड़की से मिलने पाकिस्तान गया था अंसारी
हामिद अंसारी वर्ष 2012 में अवैध तरीके से अफगानिस्तान से पाकिस्तान गया था। ऐसा बताया जाता है कि वह एक लड़की से मिलने पाकिस्तान गया था, जिससे ऑनलाइन बातचीत के जरिए उसकी दोस्ती हुई थी। वह पाकिस्तान जाने के बाद लापता हो गया था। उसे बाद में गिरफ्तार किया गया और पाकिस्तानी सैन्य अदालत में उसके खिलाफ मुकदमा चलाया गया, जिसने हामिद अंसारी को जासूसी करने का दोषी ठहराया।
हामिद अंसारी के माता-पिता ने पाकिस्तान की एक अदालत में उस समय बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की जब उन्हें जनवरी में पता चला कि उनका बेटा पाकिस्तानी सेना की हिरासत में है।
खैबर पख्तूनख्वा की कोर्ट ने दोषी ठहराया
उसे पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कोहाट शहर में रविवार को दोषी ठहराया गया था और पेशावर केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया।
बेटे को सुरक्षित वापस लाना चाहती हैं फौजिया
55 वर्षीय फौजिया ने कहा, हमें 13 जनवरी को पता चला कि हमारा बेटा जीवित है और पाकिस्तान सेना की हिरासत में है और उसके खिलाफ मुकदमा चल रहा है। हमें उम्मीद थी कि हम उसे अंतत: सुरक्षित लाने में सक्षम होंगे, लेकिन हालिया गतिविधि से हमें झटका लगा है और हमें अपने बेटे को भारत वापस लाने के लिए और इंतजार करना होगा। सड़क दुर्घटना का शिकार होने पर फौजिया के टखने का ऑपरेशन हुआ है।
मां लेक्चरर, पिता रिटायर्ड बैंक प्रबंधक, भाई दंत चिकित्सक है
उन्होंने कहा, हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है। हमें भगवान पर भरोसा है। हमें भारत सरकार और न्यायपालिका पर भरोसा है और हम उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए हमारी ओर से हर संभव कोशिश करेंगे। फौजिया ने कहा, हमें भरोसा है कि दोनों सरकारें इस बात पर सहमत होंगी कि मानव जीवन कीमती है और उसके जैसे शिक्षित युवक को पाकिस्तान की जेल में नहीं रखा जाना चाहिए। यहां एक जूनियर कॉलेज में हिन्दी की लेक्चरर फौजिया ने कहा, मुझे नहीं पता कि मेरे बेटे ने क्या अपराध किया है। उसने लापता होने से पहले फेसबुक पर उसकी पाकिस्तानी मित्र से जो बातचीत की थी, उसके उनुसार वह एक लड़की की मदद करने पाकिस्तान गया था, जो एक सामाजिक बुराई की पीड़िता थी। हामिद अंसारी के पिता नेहाल अहमद अंसारी (59) एक सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक हैं और उसका बड़ा भाई खालिद अंसारी (32) दंत चिकित्सक है।
ओआरएफ के अध्यक्ष सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा, हम भारत और पाकिस्तान के उन लोगों का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने हामिद का पता लगाने के लिए निरंतर काम किया। कुलकर्णी का एनजीओ भी युवक का पता लगाने के प्रयासों में शामिल रहा है।
फेसबुक के जरिये हुई थी लड़की की दोस्ती
उन्होंने कहा, हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि वह निर्दोष है। वह वहां अपनी प्रेमिका से मिलने गया था, जिससे उसकी दोस्ती फेसबुक के जरिये हुई थी। उसका जासूसी संबंधी गतिविधियों में शामिल होने की कोई इरादा नहीं था। कुलकर्णी ने कहा, हम उनके माता-पिता के साथ हैं। सबसे बड़ी राहत की बात है कि वह जीवित है। वह पहले ही कैद में तीन साल काट चुका है और अब उसे मानवीय आधार पर रिहा कर दिया जाना चाहिए।
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