प्रतीकात्मक तस्वीर
ठाणे:
ठाणे के मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने वर्ष 2012 में सड़क दुर्घटना में मारे गए एक किसान के परिजनों को 9.90 लाख रुपए मुआवजा देने का न्यू इंडिया बीमा कंपनी को आदेश दिया है। साथ ही, इसका कुछ हिस्सा वाहन के मालिक से वसूलने का निर्देश भी दिया है।
मृतक किसान विलास किरकिरे (29) की पत्नी और दावाकर्ता संगीता विलास किरकिरे (28) ने न्यायाधिकरण को बताया कि उनका पति परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था और महीने के लगभग 9000 रुपए कमाता था। किसान होने के साथ-साथ वह ठाणे के जवाहर तालुका में हिराद फाटा में एक मुर्गे की दुकान भी चलाता था।
संगीता ने न्यायाधिकरण को बताया कि 15 दिसंबर 2012 को विलास ने एक कुंतल ले जाने के लिये टैंपो भाड़े पर लिया था। लेकिन भरसत्मेट फाटा के पास पहुंचते ही टैंपो के चालक का नियंत्रण खो गया और वह सड़क किनारे लगे एक पेड़ से टकरा गया। विलास को इस दुर्घटना में काफी चोट आई और दो दिन बाद नासिक सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस संबंध में जवाहर पुलिस ने टैंपू चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
संगीता ने पांच लाख मुआवजे की मांग की थी। बीमा कंपनी ने न्यायाधिकरण से कहा था कि संगीता इस मामले में प्रत्यदर्शी नहीं है और इस मामले में बीमा पॉलिसी के नियमों के साथ छेड़छाड़ हुई है। इस दलील को न्यायधिकरण ने ठुकरा दिया।
संगीता, उसके चार नाबालिग बच्चे, ससुराल वालों और अन्य आवेदन कर्ताओं की दलील को ध्यान में रखते हुए न्यायाधिकरण के सदस्य केडी वडाने ने हाल में कहा कि इस मामले में गलती चालक की थी जिस कारण यह दुर्घटना हुई और बाद में विलास की मृत्यु हुई।
वडाने ने कहा कि इस मामले में आवेदनकर्ताओं की दलील मजबूत प्रतीत होती है और इसकी पुष्टि पुलिस के रिकॉर्ड से भी होती है। इसमें टैंपू के चालक की ही गलती नजर आती है। न्यायाधिकरण ने निर्देश दिया कि बीमा कंपनी और वाहन के मालिक मिलकर विलास के परिजनों को 9.90 लाख रुपए का मुआवजा दें जिसमें उसके अंतिम संस्कार का खर्च भी शामिल है।
इस सुनवाई के दौरान टैंपो के मालिक अवधेश गुप्ता नदारद रहे। इस पर न्यायाधिकरण ने बीमा कंपनी को कहा कि वह पहले मुआवजा अदा करे और बाद में मालिक से रकम उगाहे।
मृतक किसान विलास किरकिरे (29) की पत्नी और दावाकर्ता संगीता विलास किरकिरे (28) ने न्यायाधिकरण को बताया कि उनका पति परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था और महीने के लगभग 9000 रुपए कमाता था। किसान होने के साथ-साथ वह ठाणे के जवाहर तालुका में हिराद फाटा में एक मुर्गे की दुकान भी चलाता था।
संगीता ने न्यायाधिकरण को बताया कि 15 दिसंबर 2012 को विलास ने एक कुंतल ले जाने के लिये टैंपो भाड़े पर लिया था। लेकिन भरसत्मेट फाटा के पास पहुंचते ही टैंपो के चालक का नियंत्रण खो गया और वह सड़क किनारे लगे एक पेड़ से टकरा गया। विलास को इस दुर्घटना में काफी चोट आई और दो दिन बाद नासिक सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस संबंध में जवाहर पुलिस ने टैंपू चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
संगीता ने पांच लाख मुआवजे की मांग की थी। बीमा कंपनी ने न्यायाधिकरण से कहा था कि संगीता इस मामले में प्रत्यदर्शी नहीं है और इस मामले में बीमा पॉलिसी के नियमों के साथ छेड़छाड़ हुई है। इस दलील को न्यायधिकरण ने ठुकरा दिया।
संगीता, उसके चार नाबालिग बच्चे, ससुराल वालों और अन्य आवेदन कर्ताओं की दलील को ध्यान में रखते हुए न्यायाधिकरण के सदस्य केडी वडाने ने हाल में कहा कि इस मामले में गलती चालक की थी जिस कारण यह दुर्घटना हुई और बाद में विलास की मृत्यु हुई।
वडाने ने कहा कि इस मामले में आवेदनकर्ताओं की दलील मजबूत प्रतीत होती है और इसकी पुष्टि पुलिस के रिकॉर्ड से भी होती है। इसमें टैंपू के चालक की ही गलती नजर आती है। न्यायाधिकरण ने निर्देश दिया कि बीमा कंपनी और वाहन के मालिक मिलकर विलास के परिजनों को 9.90 लाख रुपए का मुआवजा दें जिसमें उसके अंतिम संस्कार का खर्च भी शामिल है।
इस सुनवाई के दौरान टैंपो के मालिक अवधेश गुप्ता नदारद रहे। इस पर न्यायाधिकरण ने बीमा कंपनी को कहा कि वह पहले मुआवजा अदा करे और बाद में मालिक से रकम उगाहे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं