भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए पश्चिम बंगाल से उन 54 कार्यकर्ताओं के परिजन दिल्ली पहुंच गए हैं जिनका हत्या पिछले कुछ सालों में राजनीतिक हिंसा के दौरान की गई है. भाजपा का आरोप है कि इन कार्यकर्ताओं को राजनीतिक हिंसा का शिकार बनाया गया. बीजेपी की ओर से तैयार की गई सूची में हर कार्यकर्ता के नाम के साथ बताया है कि उनकी हत्या कहां और कैसे हुई? हालांकि बीजेपी के इसी कदम से नाराज होकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शपथ ग्रहण से आने से इनकार कर दिया है. उन्होंने ट्वीट किया, "शपथ ग्रहण लोकतंत्र के समारोह का पवित्र अवसर होता है. ऐसा नहीं, जिसका कोई राजनीतिक दल अवमूल्यन करे और इसे अपने राजनीतिक बदले की तरह इस्तेमाल करे." जबकि बीजेपी आरोप लगा रही है कि ममता इसका राजनीतिकरण कर रही हैं. बीजेपी के पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ''पार्टी की बंगाल इकाई ने उन कार्यकर्ताओं को के परिवारों को भी आमंत्रित किया है जिनकी हत्या कर दी गई. मैं मानता हूं कि इसको लेकर राजनीति करने की कोई जरूरत नहीं है.''
वहीं ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘यह पूरी से गलत है. बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है. ये मौतें निजी शत्रुता, पारिवारिक झगड़ों और अन्य विवादों के चलते हुई होंगी, इनका राजनीति से कोई संबंध नहीं है. हमारे पास ऐसा कोई रिकार्ड नहीं है.'' बनर्जी ने कहा कि इसलिए वे समारोह में शामिल नहीं होने के लिए ‘‘मजबूर'' हुई हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह समारोह लोकतंत्र का जश्न मनाने का एक विशेष अवसर है. यह कोई ऐसा अवसर नहीं है जिसका किसी राजनीतिक दल को महत्व घटाना चाहिए या कोई इसका इस्तेमाल अपने राजनीतिक हित साधने के अवसर के तौर पर करे. कृपया मुझे माफ करिये.''
दिल्ली पहुंचे बंगाल में मारे गए कार्यकर्ताओं के परिवार
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