यह ख़बर 13 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

फलक वेंटिलेटर पर, हालक नाजुक

खास बातें

  • अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में करीब तीन हफ्ते से भर्ती दो वर्षीय फलक सांस लेने में तकलीफ के कारण अभी तक वेंटिलेटर पर है।
नई दिल्ली:

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में करीब तीन हफ्ते से भर्ती दो वर्षीय फलक सांस लेने में तकलीफ के कारण अभी तक वेंटिलेटर पर है। चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची की हालत सोमवार को भी नाजुक बनी बनी हुई है। एम्स ट्रॉमा सेंटर में न्यूरोसर्जरी के सहायक प्रोफेसर दीपक अग्रवाल ने बताया, "बच्ची लगातार वेंटिलेटर पर है। उसकी हालत में कोई सुधार नहीं है। उसके मस्तिष्क में संक्रमण अभी तक है।"

बच्ची की हालत में सुधार के संकेत दिखने के कारण शुक्रवार शाम को उसका वेंटिलेटर हटा दिया गया था। लेकिन सांस लेने में समस्या के कारण उसे फिर से रात को वेंटीलेटर पर रखना पड़ा। फलक को 18 जनवरी को एक किशोरी द्वारा एम्स लाया गया। उस वक्त बुरी तरह से घायल फलक के शरीर पर इंसान के काटने के निशान और सिर की हड्डी टूटी हुई थी। खुद को फलक की मां बताने वाली किशोरी अब बाल सुधार गृह में है। इस मामले में अब तक प्रमुख आरोपी राजकुमार सहित नौ लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।

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बच्ची की हालत पर नजर रख रहे चिकित्सकों की टीम ने बताया कि उसके सीने एवं रक्त में संक्रमण कम हो गया है लेकिन मस्तिष्क में संक्रमण बना हुआ है। फलक के अबतक तीन ऑपरेशन हो चुके हैं। अग्रवाल ने कहा, "उसकी हालत स्थिर लेकिन लगातार नाजुक बनी हुई है।"