नई दिल्ली:
अचेतावस्था में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही दो साल की बच्ची फलक के मस्तिष्क का सोमवार को ऑपरेशन कर फ्लूड निकाला गया। उसे सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। इस बीच पुलिस को मामले में कुछ अहम सुराग मिले हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ट्रामा सेंटर के सहायक प्रोफेसर (न्यूरो सर्जन) दीपक अग्रवाल ने कहा, "उसके मस्तिष्क से फ्लूड निकालने के लिए हमने एक छोटा ऑपरेशन किया है। हमें संदेह था कि उसके मस्तिष्क में संक्रमण हो सकता है। फ्लूड को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा।"
चिकित्सक के अनुसार बच्ची को श्वसन सम्बंधी समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं और उसका एक और आपरेशन करना पड़ सकता है।
अग्रवाल ने कहा, "उसकी हालत गम्भीर है। उसे श्वसन सम्बंधी समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं, इसीलिए हमने उसे कल (रविवार) रात 10.30 बजे फिर से वेंटीलेटर पर रखा था।" हालत में थोड़ी सुधार आने पर शुक्रवार को उसे वेंटीलेर से हटा लिया गया था।
अग्रवाल ने बताया, "उसके सीने में संक्रमण है और बार-बार दर्द उभर रहा है। उसके सिर में भी गम्भीर चोट है।"
18 जनवरी को बच्ची को जब एम्स में भर्ती कराया गया था, उस समय सिर में चोट के कारण रक्त निकल रहा था, चेहरे पर किसी इंसान के दांत से काटने के निशान थे तथा मस्तिष्क के दाएं भाग में खून जमा हुआ था। उसे एक किशोरी अस्पताल लेकर आई थी और खुद को फलक की मां होने का दावा किया था।
किशोरी को बाल सुधार गृह में भेज दिया गया है। उसके माता-पिता की तलाश के लिए पुलिस ने कई टीमें गठित की हैं।
फलक की हालत पर नजर रख रहे चिकित्सकों का कहना है कि बच्ची की हालत बहुत नाजुक है। इस मामले में एक महिला से पूछताछ के बाद पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले हैं।
पुलिस उपायुक्त छाया शर्मा ने कहा कि मामले का मुख्य अभियुक्त राजकुमार गुप्ता अभी तक फरार है लेकिन उसे जिस महिला से यह बच्ची प्राप्त हुई थी, उसकी पहचान लक्ष्मी के रूप में की गई है। उससे पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि चार बच्चों की मां मुन्नी नामक महिला फलक को लक्ष्मी के घर में छोड़ गई थी, जहां से राजकुमार पिछले वर्ष सितम्बर में फलक को अपने घर ले गया था।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ट्रामा सेंटर के सहायक प्रोफेसर (न्यूरो सर्जन) दीपक अग्रवाल ने कहा, "उसके मस्तिष्क से फ्लूड निकालने के लिए हमने एक छोटा ऑपरेशन किया है। हमें संदेह था कि उसके मस्तिष्क में संक्रमण हो सकता है। फ्लूड को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा।"
चिकित्सक के अनुसार बच्ची को श्वसन सम्बंधी समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं और उसका एक और आपरेशन करना पड़ सकता है।
अग्रवाल ने कहा, "उसकी हालत गम्भीर है। उसे श्वसन सम्बंधी समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं, इसीलिए हमने उसे कल (रविवार) रात 10.30 बजे फिर से वेंटीलेटर पर रखा था।" हालत में थोड़ी सुधार आने पर शुक्रवार को उसे वेंटीलेर से हटा लिया गया था।
अग्रवाल ने बताया, "उसके सीने में संक्रमण है और बार-बार दर्द उभर रहा है। उसके सिर में भी गम्भीर चोट है।"
18 जनवरी को बच्ची को जब एम्स में भर्ती कराया गया था, उस समय सिर में चोट के कारण रक्त निकल रहा था, चेहरे पर किसी इंसान के दांत से काटने के निशान थे तथा मस्तिष्क के दाएं भाग में खून जमा हुआ था। उसे एक किशोरी अस्पताल लेकर आई थी और खुद को फलक की मां होने का दावा किया था।
किशोरी को बाल सुधार गृह में भेज दिया गया है। उसके माता-पिता की तलाश के लिए पुलिस ने कई टीमें गठित की हैं।
फलक की हालत पर नजर रख रहे चिकित्सकों का कहना है कि बच्ची की हालत बहुत नाजुक है। इस मामले में एक महिला से पूछताछ के बाद पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले हैं।
पुलिस उपायुक्त छाया शर्मा ने कहा कि मामले का मुख्य अभियुक्त राजकुमार गुप्ता अभी तक फरार है लेकिन उसे जिस महिला से यह बच्ची प्राप्त हुई थी, उसकी पहचान लक्ष्मी के रूप में की गई है। उससे पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि चार बच्चों की मां मुन्नी नामक महिला फलक को लक्ष्मी के घर में छोड़ गई थी, जहां से राजकुमार पिछले वर्ष सितम्बर में फलक को अपने घर ले गया था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं