महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)
मुंबई:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने विपक्षी दल कांग्रेस-राकांपा पर किसानों की दुर्दशा पर ‘मगरमच्छ के आंसू’ बहाने का आरोप लगाया और उन्होंने कहा कि कर्ज माफी की विपक्ष की मांग राजनीति से प्रेरित है क्योंकि उन्हें हाल ही में स्थानीय निकाय चुनावों में भारी हार का सामना करना पड़ा है. फडनवीस ने दोहराया कि उनकी सरकार किसानों का कर्ज माफ करने के विरोध में नहीं है लेकिन वह चाहती है कि जब भी यह निर्णय लिया जाये तो किसानों को लाभ पहुंचे. विधानसभा में कृषि कर्ज माफी की मांग को लेकर भारी शोरगुल हुआ. फडनवीस ने गुरुवार को कहा कि किसानों की यह दुर्दशा पूर्ववर्ती कांग्रेस-राकांपा सरकार की नीतियों के कारण हुई जिसने राज्य में 15 साल तक शासन किया. फडनवीस ने कहा, ‘आपको कर्ज माफी की मांग करने का कोई अधिकार नहीं है. केवल भाजपा और शिवसेना कर्ज माफी के लिए कह सकती है. आपकी मांग राजनीति से प्रेरित है क्योंकि आप हाल ही के चुनावों में हार गये. आप सिर्फ मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हो. हम कर्ज माफी के खिलाफ नहीं है लेकिन हम इस पर विचार कर रहे हैं कि कब और कैसे इसे किया जाना चाहिये.’
उन्होंने कहा कि करीब 1.36 करोड़ किसानों ने 1.14 लाख करोड़ रुपये तक का कर्ज लिया है. गुरुवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई और अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के लिए कहा तो शिवसेना विधायक अध्यक्ष के आसन के समक्ष आ गये और किसानों के लिए कर्ज माफ करने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे. बाद में विपक्षी दल कांग्रेस और राकांपा के सदस्य भी इसमें शामिल हो गये.
विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि विपक्षी सदस्य बजट सत्र की शुरुआत से ही कर्ज माफ करने की मांग कर रहे हैं. इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन में हंगामा किया. अध्यक्ष ने 30 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर भी हंगामा होता रहा. सदन को दूसरी बार प्रश्नकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
दूसरे स्थगन के बाद कांग्रेस-राकांपा विधायकों की नारेबाजी के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हस्तक्षेप किया. जब फडणवीस अपनी सरकार का रुख स्पष्ट कर रहे थे तब शिवसेना सदस्य आसन के समक्ष नहीं आये. बाद में शिवसेना विधायक चंद्रदीप नार्के और अनिल कदम ने कहा कि किसानों की स्थिति काफी खराब है. विखे पाटिल ने मुख्यमंत्री के बयान की आलोचना करते हुये कहा कि वह भ्रम पैदा कर रहे हैं और सरकार उद्योगपतियों के कर्ज माफ करने की इच्छुक है. तीसरे और चौथे स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा कि करीब 1.36 करोड़ किसानों ने 1.14 लाख करोड़ रुपये तक का कर्ज लिया है. गुरुवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई और अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के लिए कहा तो शिवसेना विधायक अध्यक्ष के आसन के समक्ष आ गये और किसानों के लिए कर्ज माफ करने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे. बाद में विपक्षी दल कांग्रेस और राकांपा के सदस्य भी इसमें शामिल हो गये.
विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि विपक्षी सदस्य बजट सत्र की शुरुआत से ही कर्ज माफ करने की मांग कर रहे हैं. इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन में हंगामा किया. अध्यक्ष ने 30 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर भी हंगामा होता रहा. सदन को दूसरी बार प्रश्नकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
दूसरे स्थगन के बाद कांग्रेस-राकांपा विधायकों की नारेबाजी के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हस्तक्षेप किया. जब फडणवीस अपनी सरकार का रुख स्पष्ट कर रहे थे तब शिवसेना सदस्य आसन के समक्ष नहीं आये. बाद में शिवसेना विधायक चंद्रदीप नार्के और अनिल कदम ने कहा कि किसानों की स्थिति काफी खराब है. विखे पाटिल ने मुख्यमंत्री के बयान की आलोचना करते हुये कहा कि वह भ्रम पैदा कर रहे हैं और सरकार उद्योगपतियों के कर्ज माफ करने की इच्छुक है. तीसरे और चौथे स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी.
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