'किसी की हैसियत नहीं, जो..." BJP के हेट स्पीच विवाद पर बोले फेसबुक इंडिया के हेड

अजित मोहन अपनी पूर्व पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर अंखी दास पर उपजे विवाद के बारे में बोल रहे थे, जिन्होंने पिछले साल वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के दो महीने बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उस रिपोर्ट में दास ने कहा था कि सोशल नेटवर्क में एक ऐसे बीजेपी नेता को मुफ्त पास देने में उनकी भूमिका थी.

'किसी की हैसियत नहीं, जो...

अजित मोहन अपनी पूर्व पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर अंखी दास पर उपजे विवाद के बारे में बोल रहे थे.

नई दिल्ली:

फेसबुक इंडिया (Facebook India) के ऑपरेशंस हेड अजित मोहन (Ajit Mohan) ने कहा है कि उनकी कंपनी अपनी नीतियों को गैर-पक्षपातपूर्ण और उद्देश्यपूर्ण तरीके से लागू करती है. शुक्रवार को एनडीटीवी से बातचीत में मोहन ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि एक शीर्ष कार्यकारी अधिकारी ने सत्तारूढ़ बीजेपी के एक ऐसे नेता के खिलाफ कार्रवाई पर वीटो लगा दिया था, जो अभद्र भाषा के लिए जिम्मेदार थे.

फेसबुक के उपाध्यक्ष और भारत के प्रबंध निदेशक अजीत मोहन ने कहा, "जब हिंसा के लिए अभद्र भाषा या भाषण को सीमित करने की बात आती है, तो हम बहुत स्पष्ट होते हैं और हम अपने सामुदायिक दिशा-निर्देशों को स्पष्ट करते हैं कि हमारे प्लेटफॉर्म पर क्या अनुमति है और क्या नहीं." 

उन्होंने कहा, "कंपनी में कोई भी व्यक्ति अनिवार्य रूप से यह कहने की हैसियत नहीं रखता है कि 'कंपनी को इस नीति का प्रवर्तन नहीं करना चाहिए'." उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आंतरिक बातचीत के बारे में यह कहना त्रुटिपूर्ण है कि यह प्रक्रिया कई आवाजों को फलने-फूलने की आजादी दे रहा, जिसका संदर्भ दिया जा रहा है.

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मोहन ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि कोई भी हमारे प्लेटफॉर्म पर अभद्र भाषा चाहता है. मुझे नहीं लगता कि यह हमारे हित में है कि उपयोगकर्ताओं को अभद्र भाषा से अवगत कराया जाए ... हमारा वित्तीय प्रोत्साहन हमारे प्लेटफॉर्म पर सही काम करने के पक्ष में बहुत पक्षपाती है."

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अजित मोहन अपनी पूर्व पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर अंखी दास पर उपजे विवाद के बारे में बोल रहे थे, जिन्होंने पिछले साल वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के दो महीने बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उस रिपोर्ट में दास ने कहा था कि सोशल नेटवर्क में एक ऐसे बीजेपी नेता को मुफ्त पास देने में उनकी भूमिका थी, जिस पर हेट स्पीच के आरोप थे. रिपोर्ट आने के कुछ सप्ताह बाद फेसबुक ने उस नेता को प्रतिबंधित कर दिया था. इस घटना से कंपनी के अंदर और बाहर कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिली थी.