OIC की बैठक में बोलीं सुषमा स्वराज, आतंकवाद को पनाह और फंडिंग बंद हो

सषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने आतंकवाद पर जोरदार प्रहार किया है. उन्होंने दो टूक कहा कि आतंकवाद का दायरा बढ़ा है. आतंकवाद को पनाह और फंडिंग बंद होना चाहिए.

खास बातें

  • विदेश मंत्री ने ओआईसी की बैठक को किया संबोधित
  • कहा- आतंकवाद सभी के लिए खतरनाक
  • आतंकवाद को पनाह और फंडिंग पर रोक लगनी चाहिए
नई दिल्ली :

भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने आतंकवाद पर जोरदार प्रहार किया है. उन्होंने दो टूक कहा कि आतंकवाद का दायरा बढ़ा है. आतंकवाद से लड़ाई किसी धर्म विशेष के खिलाफ लड़ाई नहीं है. आतंकवाद को पनाह और फंडिंग बंद होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा है. विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने कहा "एक महान धर्म और प्राचीन सभ्यताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले मुल्कों से आए साथियों के बीच आकर सम्मानित महसूस कर रही हूं... मैं उस देश की प्रतिनिधि हूं, जो ज्ञान का भंडार रहा है, शांति का दूत रहा है, आस्था व परम्पराओं का स्रोत रहा है, बहुत-से धर्मों का घर रहा है और दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है..." उन्होंने कहा, "OIC के सदस्य संयुक्त राष्ट्र के एक-चौथाई हैं, और लगभग एक-चौथाई मानवता का प्रतिनिधित्व करते हैं... भारत का आपसे बहुत कुछ साझा है, और हममें से बहुत से उपनिवेशवाद के काले दिन भुगते हैं..." विदेश मंत्री ने कहा कि भारत विविधताओं से भरा देश है... भारत में हर धर्म के लोग हैं, सभी धर्म और संस्कृतियों का सम्मान किया जाता है. 

आपको बता दें कि इससे पहले OIC की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) के शामिल होने की वजह से पाकिस्तान ने बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया था. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) का कहना है, "मैं विदेश मंत्रियों की काउंसिल बैठक में शिरकत नहीं करूंगा.यह उसूलों की बात है, क्योंकि (भारत की विदेशमंत्री) सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) को 'गेस्ट ऑफ ऑनर' के रूप में न्योता दिया गया है." इससे पहले पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर हमले के बाद इस्लामाबाद ने प्रयास किया था कि ओआईसी के लिए स्वराज का आमंत्रण रद्द हो जाए. मगर स्वराज जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच उत्पन्न तनाव की पृष्ठभूमि में इस बैठक में हिस्सा ले रही हैं. 

आपको बता दें कि भारत को 57 इस्लामिक देशों के समूह ने पहली बार अपनी बैठक में आमंत्रित किया. सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj)  ने बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित किया. भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में भारत और ओआईसी के बीच यह नया संबंध स्थापित हो रहा है. आपको बता दें कि दोनों मुल्कों के बीच जारी तनाव के बीच एक दिन पहले ही नयी दिल्ली में भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना के शीर्ष अधिकारियों की एक संयुक्त मीडिया ब्रीफिंग में कहा गया कि सशस्त्र बल किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर हैं. 

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