एक नई स्टडी में पता चला है कि भारत में कोरोनावायरस के डेल्टा वेरिएंट की वजह से ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन यानी टीका लेने के बावजूद संक्रमण का पता चल रहा है. COVISHIELD और COVAXIN दोनों टीकों के लाभार्थियों में ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन रिपोर्ट हुआ है. बता दें कि भारत में कोरोनावायरस के म्यूटेंट वेरिएंट B.1.617.2, जिसे डेल्टा वेरिएंट का नाम दिया गया है, दूसरी लहर का कारण माना गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी एक रिपोर्ट में इस वेरिएंट को 'चिंता का विषय' बताया था.
भारत मेंं कोवैक्सीन और कोविशील्ड के वैक्सीन में ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन को लेकर दो स्टडी की गई हैं. दोनों स्टडी में पाया गया है कि डेल्टा वेरिएंट दोनों वैक्सीन के लाभार्थियों में ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन करने में सक्षम है. यहां आपको बता दें कि ब्रेकथ्रू इंफेक्शन का मतलब दोबारा संक्रमण से नहीं है. ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन का मतलब वैक्सीन लगवाने के बावजूद संक्रमण से है, चाहे पहले लाभार्थी को कोविड हुआ हो या नहीं.
स्टडी के आंकड़े
AIIMS- CSIR IGIB और NCDC - CSIR IGIB ने स्टडी में पाया कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड लगाए लोगों में अल्फा और डेल्टा दोनों वेरिएंट से ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन हुआ, लेकिन डेल्टा से ज़्यादा. इसमें 63 सैंपल में ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन की बात सामने आई. इसमें 53 लाभार्थियों ने कोवैक्सीन लगवाई थी और 10 लाभार्थियों ने कोविशील्ड लगवाई थी. इनमें 36 लोग डबल डोज़ ले चुके थे.
सिंगल डोज़ लगवाने वालों में डेल्टा वेरिएंट के चलते 76.9% ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन दिखा. वहीं, डबल डोज़ लगवा चुके लोगों में डेल्टा वेरिएंट के कारण 60% ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन दिखा. एम्स की ये स्टडी उन 63 मरीज पर है जो 5-7 दिनों के high fever की शिकायत के बाद AIIMS की इमरजेंसी में पहुंचे थे. ये भारत में पहली स्टडी है जिसमें 'symptomatic vaccine Breakthrough' का सैंपल लिया गया है.
NCDC और CSIR IGIB ( Institute of genomics and integrative biology) ने अपनी स्टडी में पाया कि कोविशील्ड टीका लेने के बाद जो संक्रमित हो रहे हैं वो ज्यादातर डेल्टा वेरिएंट की वजह से हुए. इसमें कोविशील्ड लिए 27 सैंपल में ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन दिखा. ज्यादातर डेल्टा वेरिएंट से ही ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन. इसमें 70.3% में Delta की वजह से ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन.
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प्रभाव कम लेकिन गंभीर संक्रमण नहीं
दोनों स्टडी से पता चलता है कि ये वेरिएंट वैक्सीन के प्रभाव को कम तो कर रहा है पर इस बात का भी खुलासा हुआ कि वैक्सीन लेने की वजह से किसी को भी गंभीर संक्रमण नहीं हुआ है.
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