पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.के.थुंगन (सौैजन्य : लोकसभा)
नई दिल्ली:
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी के थुंगन को दो करोड़ रुपए की केंद्रीय निधि के गबन के आरोप में 1998 में दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में दिल्ली की एक अदालत ने साढ़े चार साल के कैद की सजा सुनायी है। विशेष सीबीआई न्यायाधीश अजय कुमार जैन ने क़ैद की सजा सुनाने के अलावा अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री 68 वर्षीय थुंगन पर 10,000 रूपए का जुर्माना भी लगाया है। दो अन्य मुजरिम - ताली ए ओ और सी सांगित को साढ़े तीन साल जबकि चौथे मुजरिम महेश माहेश्वरी को ढाई साल के कारावास का दंड सुनाया गया। अदालत ने ताली ए ओ पर 6000 रूपए, सांगित और माहेश्वरी पर 4000-4000 रूपए का जुर्माना भी लगाया है।
इससे पहले, आज सीबीआई ने थुंगन और तीन अन्य मुजरिमों के लिए उपयुक्त सजा की मांग की थी। सीबीआई के वकील ने अदालत से कहा था कि अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्र में राज्य मंत्री जैसे उच्च पदों पर रहने के बावजूद भी थुंगन ने यह अपराध किया। सीबीआई वकील ने विशेष सीबीआई अदालत से कहा "थुंगन की हैसियत को ध्यान में रखते हुए उन्हें उपयुक्त सजा दी जाए। तीन अन्य मुजरिमों ने इस साजिश में उनकी मदद की इसलिए उन्हें भी दंड मिलना चाहिए। थुंगन के खिलाफ चार और मामले अब भी लंबित हैं।"
वहीं थुंगन के वकील ने अदालत के सामने दलील रखी की उनके मुवक्किल के खिलाफ सभी अन्य मामले कथित आवास घोटाले में सीबीआई द्वारा दर्ज एक ही प्राथमिकी से जुड़े हैं और थुंगन कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त अपनी बीमार पत्नी की देखभाल करने के लिए अकेले ही हैं। अदालत ने तत्कालीन शहरी मामले एवं रोजगार राज्यमंत्री थुंगन, ताली ए ओ, सी सांगित और महेश माहेश्वरी को इस मामले में 21 जुलाई को दोषी ठहराया था और उन्हें हिरासत में जेल भेज दिया था। थंगुन समेत चारों मुजरिम सोमवार को जेल से अदालत लाये गये थे।
इससे पहले, आज सीबीआई ने थुंगन और तीन अन्य मुजरिमों के लिए उपयुक्त सजा की मांग की थी। सीबीआई के वकील ने अदालत से कहा था कि अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्र में राज्य मंत्री जैसे उच्च पदों पर रहने के बावजूद भी थुंगन ने यह अपराध किया। सीबीआई वकील ने विशेष सीबीआई अदालत से कहा "थुंगन की हैसियत को ध्यान में रखते हुए उन्हें उपयुक्त सजा दी जाए। तीन अन्य मुजरिमों ने इस साजिश में उनकी मदद की इसलिए उन्हें भी दंड मिलना चाहिए। थुंगन के खिलाफ चार और मामले अब भी लंबित हैं।"
वहीं थुंगन के वकील ने अदालत के सामने दलील रखी की उनके मुवक्किल के खिलाफ सभी अन्य मामले कथित आवास घोटाले में सीबीआई द्वारा दर्ज एक ही प्राथमिकी से जुड़े हैं और थुंगन कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त अपनी बीमार पत्नी की देखभाल करने के लिए अकेले ही हैं। अदालत ने तत्कालीन शहरी मामले एवं रोजगार राज्यमंत्री थुंगन, ताली ए ओ, सी सांगित और महेश माहेश्वरी को इस मामले में 21 जुलाई को दोषी ठहराया था और उन्हें हिरासत में जेल भेज दिया था। थंगुन समेत चारों मुजरिम सोमवार को जेल से अदालत लाये गये थे।
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