Ranbaxy के पूर्व प्रमोटर मालविंदर और शिविंदर सिंह 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेजे गए

रैनबैक्सी (Ranbaxy) के पूर्व प्रमोटरों मालविंदर सिंह (Malvinder Singh) और शिविंदर सिंह (Shivinder Singh) को रेलिगेयर धोखाधड़ी मामले में चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

Ranbaxy के पूर्व प्रमोटर मालविंदर और शिविंदर सिंह 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेजे गए

रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मालविंदर सिंह और शिविंदर सिंह (फाइल फोटो)

खास बातें

  • मालविंदर और शिविंदर सिंह हिरासत में भेजे गए
  • धोखाधड़ी के मामले में 4 दिन की हिरासत में भेजे गए
  • पुलिस ने किया था गिरफ्तार
नई दिल्ली :

रैनबैक्सी (Ranbaxy) के पूर्व प्रमोटरों मालविंदर सिंह (Malvinder Singh) और शिविंदर सिंह (Shivinder Singh) को रेलिगेयर धोखाधड़ी मामले में चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. उनके अलावा कवि अरोड़ा, सुनील गोधवानी और सुनील सक्सेना को भी पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. आपको बता दें कि मालविंदर सिंह और शिविंदर सिंह  को पुलिस ने धोखाधड़ी और ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया था. मालविंदर और शिविंदर की गिरफ्तारी आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offences Wing) द्वारा हुई. शिविंदर को गुरुवार शाम को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया, वहीं, मालविंदर सिंह को आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने गुरुवार देर रात पंजाब से पकड़ा. 

फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक शिविंदर सिंह ने अपने बड़े भाई के खिलाफ किया मामला दायर

दोनों भाइयों पर धोखाधड़ी (Fraud) और ठगी का आरोप है. शिविंदर के साथ तीन और लोगों की गिरफ्तारी हुई. इन चारों की गिरफ्तारी तब हुई थी जब इन सभी को मंदिर मार्ग में ईओडब्ल्यू कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की डीसीपी वर्षा शर्मा ने बताया कि पुलिस ने शिविंदर सिंह, सुनील गोडवानी, कवि अरोड़ा और अनिल सक्सेना को गिरफ्तार किया. आरोपियों को आईपीसी की धारा 409 और 420 के तहत गिरफ्तार किया गया है. रेलीगेयर फिनवेस्ट की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है.  

Ranbaxy के पूर्व प्रमोटर मलविंदर और शिविंदर सिंह धोखाधड़ी और ठगी के आरोप में गिरफ्तार

बता दें कि शिविंदर सिंह पर 740 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का आरोप है. गौरतलब है कि बीते अगस्त में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धनशोधन रोधी कानून से जुड़े एक मामले में रैनबैक्सी समूह के पूर्व प्रवर्तकों मालविंदर मोहन सिंह और शिविंदर मोहन सिंह के परिसरों पर छापेमारी की थी. अधिकारियों ने कहा कि धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज होने के बाद यह छापे मारे गए थे. एजेंसी की इस कार्रवाई को सिंह बंधुओं के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों और उसके बाद उनके कारोबार के पतन से जोड़कर देखा जा रहा है. 

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VIDEO- रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह गिरफ्तार