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This Article is From Dec 25, 2020

शोपियां मुठभेड मामले में साक्ष्य जुटाने का काम पूरा, दो कर्मियों के खिलाफ ‘कोर्ट मार्शल’ की संभावना

सेना ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां में जुलाई में अम्शीपुरा मुठभेड़ में शामिल अपने दो जवानों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने का काम पूरा कर लिया है और औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उनके खिलाफ ‘कोर्ट मार्शल’ की कार्रवाई हो सकती है.

शोपियां मुठभेड मामले में साक्ष्य जुटाने का काम पूरा, दो कर्मियों के खिलाफ ‘कोर्ट मार्शल’ की संभावना
प्रतीकात्मक तस्वीर
श्रीनगर:

सेना ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां में जुलाई में अम्शीपुरा मुठभेड़ में शामिल अपने दो जवानों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने का काम पूरा कर लिया है और औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उनके खिलाफ ‘कोर्ट मार्शल' की कार्रवाई हो सकती है. अधिकारियों ने इस बारे में बताया. मुठभेड़ में तीन आम नागरिक मारे गए थे. पंद्रहवीं कोर के जनरल ऑफिसर-इन-कमांड लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू ने बताया कि साक्ष्य जुटाने का काम पूरा हो चुका है. हालांकि, उन्होंने किसी नतीजे के बारे में और विवरण देने से इनकार कर दिया. लेफ्टिनेंट राजू ने यहां पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हां साक्ष्य जुटाने का काम पूरा हो गया है और सेना कानून के मुताबिक अगली कार्रवाई करेगी.''

शोपियां के अम्शीपुरा में मुठभेड़ में तीन युवकों के मारे जाने के बारे में सोशल मीडिया पर आयी खबरों के बाद सेना ने ‘कोर्ट ऑफ इनक्वायरी' का आदेश दिया था. आरोप लगा था कि जवानों ने इन युवकों को आतंकवादी बताकर मुठभेड़ में मार गिराया . ‘कोर्ट ऑफ इनक्वायरी' ने 18 जुलाई को हुई मुठभेड में तीन युवकों के मारे जाने के मामले में सितंबर की शुरुआत में अपनी जांच पूरी कर ली थी और ‘‘प्रथम दृष्टया'' ऐसे सबूत मिले कि सैन्य बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) के तहत ‘‘अधिकारों' का उल्लंघन किया गया. इसके बाद सेना ने अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की थी.

रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘साक्ष्यों को जुटाने की प्रक्रिया पूरी हो गई है. आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारी कानूनी सलाहकारों की मदद से इनका अध्ययन कर रहे हैं. भारतीय सेना अभियानों में नैतिक आचरण को लेकर प्रतिबद्ध है. मामले में और जानकारी इस तरह से साझा की जाएगी जिससे सैन्य कानून के तहत चल रही प्रक्रिया प्रभावित नहीं हो.'' मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि अफ्सपा, 1990 के तहत अधिकारों का उल्लंघन करने और उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुमोदित सेना अध्यक्ष के ‘क्या करें और क्या नहीं करें' संबंधी नियम का उल्लंघन करने के लिए दोनों सैन्यकर्मियों के खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्रवाई हो सकती है.

अधिकारियों ने बताया कि आरोपी जवानों को कानून के तहत गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ सकता है. अम्शीपुरा में मुठभेड़ में राजौरी जिले के इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार की मौत हो गयी थी. बाद में उनके डीएनए नमूनों की जांच करायी गयी और शवों को अक्टूबर में बारामूला में उनके परिवारों के हवाले कर दिया गया. मारे गये तीनों युवकों के शोपियां आने के उद्देश्य और गतिविधि स्पष्ट नहीं होने की वजह से उनकी भूमिका की भी जांच हो रही है. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राजौरी में तीनों युवकों के परिवारों से मुलाकात कर उनसे संवेदना व्यक्त की थी.

उन्होंने परिवारों को आश्वस्त किया था कि उन्हें पूरी मदद दी जाएगी और उन्हें इंसाफ मिलेगा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश भी प्रभावित परिवारों को दिया था कि सरकार उनके साथ खड़ी है और उन्हें सरकार से पूरा समर्थन मिलेगा. अधिकारियों ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों को सजा देने में सेना पारदर्शिता के उच्च मानदंडों का पालन करती है. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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