नई दिल्ली:
बीजेपी-जेडीयू गठबंधन टूट की कगार पर है। बीजेपी के साथ रिश्ते को लेकर जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव का कहना है कि यह गठबंधन चलाना अब मुश्किल हो रहा है और जेडीयू की बैठक में गठबंधन के भविष्य का फैसला होगा।
एनडीटीवी से खास बातचीत में शरद यादव ने कहा कि अटल और आडवाणी के साथ जो एजेंडा बना था, अब बीजेपी उस एजेंडे से अलग हट रही है। गठबंधन अटल और आडवाणी के साथ दायरे में चल रहा था।
शरद यादव ने कहा, हम चाहते हैं कि गठबंधन बना रहे, लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी भी रही हैं, जैसे हम पर हर चीज थोपी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस पार्टी ने आडवाणी की नहीं सुनी, वह हमारी क्या सुनेगी।
उन्होंने कहा कि जब हम एनडीए में आए थे, तो एक राष्ट्र दल थे और अब हम सिकुड़ कर राज्य तक रहे गए हैं। अटलजी−आडवाणी जी के साथ जो बात हुई, एनडीए उससे अलग जा रहा है। बीजेपी चुनाव प्रचार का अध्यक्ष कौन बनेगा, इससे हमें कोई लेना-देना नहीं है। हमने पहले ही कहा था, वह उनका अंदरूनी मामला है, लेकिन मोदी को कमान की घोषणा के बाद, जो भाषण हुए वह आउट ऑफ प्रोपोर्शन थे। बीजेपी ने अपनी बैठक कर ली है और हम अपनी बैठक करेंगे।
शरद यादव ने कहा, आडवाणी जी का इस्तीफा भी हमारी बैठक की बड़ी वजह है, जब आडवाणी जी की ही नहीं सुनी जा रही, तो हमारी कौन सुनेगा। आडवाणी जी को जिस तरह किनारे किया गया, वह बैठक का प्रमुख कारण है। यादव ने आगे कहा कि मोदी की ताजपोशी के बाद जो भाषण दिए गए वे इस तरीके के थे, जैसे पूरे देश पर इन लोगों ने कब्जा कर लिया हो। हमने उसूलों के कारण कई बार सत्ता छोड़ी है।
शरद ने कहा, मैं और नीतीश और जो कार्यकर्ता सारी बातें पार्टी में रखेंगे। एनडीए को बनाने में सबसे बड़ा योगदान आडवाणी, अटल और जॉर्ज फर्नांडिस का था और हम चाहेंगे कि इन्होंने जो एजेंडे बनाकर रखे, वे आगे भी चलें। जो दायरा उन्होंने बनाया था, उस पर सबको चलना होगा।
एनडीटीवी से खास बातचीत में शरद यादव ने कहा कि अटल और आडवाणी के साथ जो एजेंडा बना था, अब बीजेपी उस एजेंडे से अलग हट रही है। गठबंधन अटल और आडवाणी के साथ दायरे में चल रहा था।
शरद यादव ने कहा, हम चाहते हैं कि गठबंधन बना रहे, लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी भी रही हैं, जैसे हम पर हर चीज थोपी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस पार्टी ने आडवाणी की नहीं सुनी, वह हमारी क्या सुनेगी।
उन्होंने कहा कि जब हम एनडीए में आए थे, तो एक राष्ट्र दल थे और अब हम सिकुड़ कर राज्य तक रहे गए हैं। अटलजी−आडवाणी जी के साथ जो बात हुई, एनडीए उससे अलग जा रहा है। बीजेपी चुनाव प्रचार का अध्यक्ष कौन बनेगा, इससे हमें कोई लेना-देना नहीं है। हमने पहले ही कहा था, वह उनका अंदरूनी मामला है, लेकिन मोदी को कमान की घोषणा के बाद, जो भाषण हुए वह आउट ऑफ प्रोपोर्शन थे। बीजेपी ने अपनी बैठक कर ली है और हम अपनी बैठक करेंगे।
शरद यादव ने कहा, आडवाणी जी का इस्तीफा भी हमारी बैठक की बड़ी वजह है, जब आडवाणी जी की ही नहीं सुनी जा रही, तो हमारी कौन सुनेगा। आडवाणी जी को जिस तरह किनारे किया गया, वह बैठक का प्रमुख कारण है। यादव ने आगे कहा कि मोदी की ताजपोशी के बाद जो भाषण दिए गए वे इस तरीके के थे, जैसे पूरे देश पर इन लोगों ने कब्जा कर लिया हो। हमने उसूलों के कारण कई बार सत्ता छोड़ी है।
शरद ने कहा, मैं और नीतीश और जो कार्यकर्ता सारी बातें पार्टी में रखेंगे। एनडीए को बनाने में सबसे बड़ा योगदान आडवाणी, अटल और जॉर्ज फर्नांडिस का था और हम चाहेंगे कि इन्होंने जो एजेंडे बनाकर रखे, वे आगे भी चलें। जो दायरा उन्होंने बनाया था, उस पर सबको चलना होगा।
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