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This Article is From Sep 12, 2017

नोटा के खिलाफ याचिका पर चुनाव आयोग का SC में जवाब- अदालती कार्रवाई का दुरुपयोग कर रही है कांग्रेस

हलफनामा में चुनाव आयोग ने कहा है कि यह याचिका गुजरात कांग्रेस का अदालती कार्रवाई का दुरुपयोग है. नोटा तो 2014 से जारी है लेकिन कांग्रेस ने चुनौती 2017 में दी है.

नोटा के खिलाफ याचिका पर चुनाव आयोग का SC में जवाब- अदालती कार्रवाई का दुरुपयोग कर रही है कांग्रेस
फाइल फोटो
नई दिल्ली: गुजरात राज्यसभा चुनाव में नोटा (NOTA)के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा किया है जिसमें कहा गया है कि यह याचिका गुजरात कांग्रेस का अदालती कार्रवाई का दुरुपयोग है. नोटा तो 2014 से जारी है लेकिन कांग्रेस ने चुनौती 2017 में दी है. 2014 में ही बैलेट पेपर पर नोटा के प्रावधान के बारे में सारी राजनीतिक पार्टियों को जानकारी दे दी गई थी. 2014 से अब तक गुजरात समेत 25 राज्यसभा चुनाव नोटा से हो चुके हैं. राज्यसभा चुनाव में नोटा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक है. ये प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष चुनाव दोनों पर लागू होता है. इसके साथ ही आयोग ने कांग्रेस की इस अर्जी को खारिज करने की मांग की और कहा कि यह सुनवाई के योग्य नहीं है. गौरतलब है कि पिछले तीन अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर नोटा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था इसकी सुनवाई जारी रखी जाएगी कि राज्यसभा के चुनाव में NOTA का इस्तेमाल हो सकता है या नहीं. कोर्ट ने गुजरात राज्यसभा चुनाव में नोटा के इस्तेमाल के खिलाफ गुजरात कांग्रेस की याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था.

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इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात कांग्रेस से कई सवाल किए थे. कोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयोग ने जनवरी 2014 में नोटिफिकेशन जारी किया और अब अगस्त 2017 चल रहा है, इस बीच राज्यसभा के चुनाव हुए लेकिन आपने कभी इसे चुनौती नहीं दी? आज आप नोटा को इसलिए चुनौती दे रहे हैं क्योंकि यह आपको सूट नहीं कर रहा. चुनाव आयोग ने 14 जुलाई को चुनाव नोटिफिकेशन जारी किया था तब भी आपने चुनौती नहीं दी. अब चुनाव आ गए हैं तो चुनौती दे रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस से कहा था कि आप राजनीतिक पार्टी हैं और कोई भी विधायक इसे चुनौती दे सकता था. लेकिन आप तब तक इंतजार नहीं कर सकते जब तक आप प्रभावित न हो रहे हों.   यह भी ध्यान रखना चाहिए कि नोटा का 2014 का नोटिफिकेशन चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के लिए किया था न कि गुजरात के लिए.

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कांग्रेस की ओर से कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा था कि नोटा भ्रष्टाचार की रेसपी है. गुजरात में अब चुनाव हो रहे हैं तो वो कोर्ट में इसे चुनौती दे रहे हैं. गौरतलब गुजरात राज्यसभा चुनाव में नोटा के इस्तेमाल के खिलाफ गुजरात कांग्रेस के चीफ व्हिप की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. याचिका में कहा गया है कि नोटा का प्रावधान संविधान में नहीं है और न ही कोई कानून है. यह सिर्फ चुनाव आयोग का सर्कुलर है. ऐसे में  नोटा जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 का उल्लंघन करता है.

इनपुट : भाषा

 

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