कोरोना महामारी के चलते चुनाव आयोग ने लोकसभा की तीन और विधानसभा की 8 सीटों पर उपचुनाव टाले

कोरोना महामारी के बीच चुनाव कराने के कारण निर्वाचन आयोग को हाल में मद्रास हाईकोर्ट की फटकार का सामना करना पड़ा था.

कोरोना महामारी के चलते चुनाव आयोग ने लोकसभा की तीन और विधानसभा की 8 सीटों पर उपचुनाव टाले

प्रतीकात्‍मक फोटो

भारत में कोरोना की दूसरी लहर के चलते चुनाव आयोग ने लोकसभा की तीन और विधानसभा की 8 सीटों पर उपचुनाव टालने का फैसला किया है.गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बीच चुनाव कराने के कारण निर्वाचन आयोग को हाल में मद्रास हाईकोर्ट की फटकार का सामना करना पड़ा था.निर्वाचन आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'आयोग ने आज इस मामले की समीक्षा की और निर्णय लिया है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते देश में इस समय उपचुनाव आयोजित करना मुनासिब नहीं होगा. महामारी की स्थिति में सुधार होने और हालात इसके लिए सही होने तक इंतजार करना होगा.'

इससे पहले, चुनाव आयोग की ओर से कोरोना महामारी के चलते पश्चिम बंगाल की दो विधानसभा सीटों समसेरगंज और जांगीपुर पर चुनाव अनिश्चितकाल के लिए टाले जा चुके हैं. दो उम्‍मीदवारों के निधन के कारण इन दोनों सीटों पर वोटिंग नहीं हो पाई थी.मद्रास हाईकोर्ट ने कोरोना महामारी के दौरान राजनीतिक रैलियों की अनुमति देने के लिए पिछले माह चुनाव आयोग (Election Commission) के खिलाफ तीखी टिप्‍पणियां की थीं. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने चुनाव आयोग के वकील से कहा, "आपकी संस्था एकल रूप से COVID -19 की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार है." 

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हाईकोर्ट ने कहा था कि कोर्ट के आदेशों के बावजूद चुनाव आयोग चुनाव अभियान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग जैसे कोविड सेफ्टी नियमों को लागू करने में नाकाम रहा. चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी ने सवाल किया, "जब चुनाव रैलियां आयोजित होती थी तो क्या आप दूसरे ग्रह पर होते थे."हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के घाव पर मरहम लगाते हुए कहा था कि वह मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणियों को सही भावना में ले. वहीं, मीडिया की रिपोर्टिंग पर कोर्ट ने कहा कि मीडिया वही रिपोर्ट करता है, जो कोर्ट में होता है.