न बिजली, न पानी.. यही है यूपीए सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे चौधरी अजित सिंह के बंगले की कहानी। लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्हें 12 तुगलक रोड़ स्थित सरकारी बंगला खाली करने के कई नोटिस मिले, लेकिन जब वह घर छोड़ने को तैयार नहीं हुए, तो प्रशासन ने बिजली−पानी काट दिया।
इस मामले में एनडीएमसी और सीपीडब्ल्यूडी का कहना है कि अजित सिंह समेत 30 पूर्व सांसदों के सरकारी घरों के बिजली−पानी के कनेक्शन काटे गए हैं। इनमें 4 पूर्व कैबिनेट मंत्री हैं। जिन पूर्व मंत्रियों और सांसदों के बंगले के कनेक्शन काटे गए हैं, उनमें जितेंद्र सिंह, मोहम्मद अजहरुद्दीन, बृजेंद्र सिंगला, पीसी चाको, अवतार सिंह भड़ाना, बीएल मरांडी और अर्जुन रॉय जैसे नाम शामिल हैं।
वहीं इस संबंध में चौधरी अजीत सिंह कहते हैं कि उनके पास 9 सितंबर को एनडीएमसी के लोग आए थे और बंगला खाली करने के लिए कहा, लेकिन हमने कहा कि अभी श्राद्ध चल रहे हैं, ऐसे में घर खाली करना ठीक नहीं है। हमने एक फ्लैट किराये पर लिया है और हम ये बंगला 25 सितंबर तक खाली कर देगें। लेकिन फिर पता नहीं वह बीच में ही बिजली और पानी काट गए। अब यह तो वही बता सकते हैं।
अब चौधरी साहब बिना बिजली के तो रह नहीं सकते, इसीलिए किसानों के नेता ने बंगले को रोशन और ठंडा रखने के लिए एक जनरेटर किराये पर ले लिया है। जनरेटर ऑपरेटर का कहना है कि इसका रोज का किराया 4000 रुपये है और रोजाना 200 लीटर डीजल खर्च होगा।
इस मामले में एनडीएमसी और सीपीडब्ल्यूडी का कहना है कि अजित सिंह समेत 30 पूर्व सांसदों के सरकारी घरों के बिजली−पानी के कनेक्शन काटे गए हैं। इनमें 4 पूर्व कैबिनेट मंत्री हैं। जिन पूर्व मंत्रियों और सांसदों के बंगले के कनेक्शन काटे गए हैं, उनमें जितेंद्र सिंह, बृजेंद्र सिंगला, पीसी चाको, अवतार सिंह भड़ाना, बीएल मरांडी और अर्जुन रॉय जैसे नाम शामिल हैं।
शहरी विकास मंत्रालय का कहना है लोकसभा चुनाव में हारे हुए नेताओं को कायदे से एक महीने में सरकारी घर खाली करना होता है, लेकिन कई नेताओं ने ऐसा नहीं किया। अब देखना होगा कि ये पूर्व मंत्री और सांसद कब तक अपने सरकारी आशियाने खाली करते हैं।
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