प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Markaz), तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी (Maulana Saad) और प्रबंधन कमेटी पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. ईडी ने दिल्ली पुलिस की एफआईआर के आधार पर केस दर्ज किया है. इन पर बड़े पैमाने पर देश और विदेश से फंडिंग लेने और हवाला के जरिये पैसा जुटाने का आरोप है. बता दें कि बीते महीने निजामुद्दीन मरकज में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जो देश में कोरोना का बड़ा हॉटस्पॉट बना था. देश के कई राज्यों से आए जमाती इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जिनमें से हजारों की संख्या में कोरोना संक्रमित पाए गए.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एक टीम भी फंडिंग और पैसों की लेनदेन की जांच में लगी है. क्राइम ब्रांच ने पिछले 3 साल में मरकज़ के लेनदेन का ब्यौरा भी मांगा है. सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित मरकज के कार्यक्रम शुरू होने से पहले मौलाना साद के दिल्ली स्थित बैंक एकाउंट में विदेशों से पैसे का ट्रांजेक्शन फ्लो अचानक से बढ़ गया था. जिसके चलते निजामुद्दीन स्थित एक बैंक के अधिकारियों ने बाकायदा मौलाना साद के चार्टर्ड एकाउंटेंट को बुलाकर पूछा था कि अचानक से एक बैंक एकाउंट में इतना पैसा कैसे आ रहा है?
बैंक अधिकारियों ने मरकज के प्रमुख मौलाना साद से मिलने का भी कहा था. जिस पर चार्टर्ड एकाउंटेंट ने बैंक अधिकारियों को यह बोलकर पल्ला झाड़ लिया की मौलाना साहब बहुत बड़े आदमी हैं. वो ऐसे किसी से नहीं मिलते. बैंक ने इस पर नाराजगी जताते हुए 31 मार्च के बैंक एकाउंट में आने वाले ट्रांजेक्शन पर रोक लगाने की हिदायत भी दी थी.
बता दें कि इससे पहले तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने बताया कि तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों में से कुछ की कोरोनावायरस से मौत हो जाने के बाद यह कदम उठाया था. पुलिस के अनुसार इस घातक बीमारी को काबू करने के लिए सामाजिक दूरी संबंधी केंद्र के दिशानिर्देशों के बाद भी मौलाना साद ने पिछले महीने निज़ामुद्दीन मरकज़ में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया था. निजामुद्दीन के थाना प्रभारी की शिकायत पर 31 मार्च को अपराध शाखा थाने में मौलवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
पुलिस ने कहा कि शुरू में कार्यक्रम के आयोजन को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल कई लोगों की कोरोनावायरस के कारण मौत हो जाने के बाद उनके खिलाफ धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) शामिल की गई. इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले कुछ विदेशियों के खिलाफ वीजा नियमों के उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया गया है.
तबलीगी जमात घटना के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने 21 मार्च को निजामुद्दीन मरकज के अधिकारियों से संपर्क किया और उन्हें सरकार के उस आदेश की याद दिलाई जिसमें किसी भी राजनीतिक या धार्मिक आयोजन में 50 से अधिक लोगों के शामिल होने पर रोक लगाई गई थी. इसमें कहा गया है कि बार-बार के प्रयासों के बावजूद, कार्यक्रम के आयोजकों ने स्वास्थ्य विभाग या किसी अन्य सरकारी एजेंसी को इस संबंध में सूचना नहीं दी और जानबूझकर सरकारी आदेशों की अवहेलना की. इस कार्यक्रम में हजारों लोगों ने भाग लिया था और उनमें से कई लोगों के जरिए कोरोना वायरस का संक्रमण अन्य लोगों तक फैला.
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