सरकार अपने मजबूत जनादेश का इस्तेमाल कर आर्थिक क्षेत्र में सुधार करे, आर्थिक सर्वे की 8 बड़ी बातें

संसद में शु्क्रवार को प्रस्तुत वर्ष 2019-20 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि देश की आर्थिक वृद्धि दर में जितनी नरमी आनी थी, वह आ चुकी है और अगले वित्त वर्ष में यह बढ़कर छह से 6.5 प्रतिशत के बीच रहेगी.

सरकार अपने मजबूत जनादेश का इस्तेमाल कर आर्थिक क्षेत्र में सुधार करे, आर्थिक सर्वे की 8 बड़ी बातें

आर्थिक सर्वे 2019-20 पेश कर दिय गया है

नई दिल्ली: संसद में शु्क्रवार को प्रस्तुत वर्ष 2019-20 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि देश की आर्थिक वृद्धि दर में जितनी नरमी आनी थी, वह आ चुकी है और अगले वित्त वर्ष में यह बढ़कर छह से 6.5 प्रतिशत के बीच रहेगी. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत समीक्षा में चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है. समीक्षा में कहा गया कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर कमजोर होने तथा देश के वित्तीय क्षेत्र की समस्याओं के चलते निवेश धीमा होने से भारत पर असर पड़ रहा है. इसके चलते चालू वित्त वर्ष में घरेलू आर्थिक वृद्धि दर एक दशक के निचले स्तर पर आ गयी है. समीक्षा में कहा गया कि 2019-20 में वृद्धि कम से कम पांच प्रतिशत रहने का अनुमान है. चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में वृद्धि दर घट कर 4.5 प्रतिशत पर आ गयी थी. इस बार की आर्थिक समीक्षा को हल्के बैंगनी रंग के आवरण में प्रकाशित किया गया है. 100 रुपये के नये नोट का रंग भी यही है. संपत्ति का वितरण करने के लिए पहले उसका सृजन करने की आवश्यकता है. इसी संदर्भ में इसमें संपत्ति का सृजन करने वालों को सम्मान दिए जाने की जरूत पर बल दिया गया है.

8 बड़ी बातें

  1. सरकार का दखल प्याज जैसी वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने में अप्रभावी साबित हुआ लगता है. 

  2. इन विचारों में ‘विश्व के लिये भारत में असेंबल' करने का विचार भी शामिल है, जिससे रोजगार सृजन होगा. 

  3. समीक्षा में कारोबार सुगमता को आगे बढ़ाने के लिये निर्यात संवर्धन के लिये बंदरगाहों से लालफीताशाही दूर करने तथा कारोबार प्रारंभ करने, संपत्ति का पंजीयन कराने, कर भुगतान करने और करार करने को आसान बनाने जैसे उपाय करने की जरूरत.

  4. समीक्षा में सरकारी बैंकों में कंपनी संचालन बेहतर बनाने तथा निवेशकों का भरोसा बढ़ाने के लिये और आधिक जानकारी के प्रकाशन की आवश्यकता जरूरत पर बल दिया गया है. 

  5. वृद्धि दर में जारी सुस्ती का दौर अब समाप्त हो चुका है और अगले वित्त वर्ष 2020- 21 में वृद्धि दर सुधर कर 6 से 6.50 प्रतिशत के दायरे में पहुंच जायेगी.

  6. जीडीपी की वृद्धि दर में मौजूदा सुस्ती को वृद्धि के चक्रीय ढांचे के साथ जोड़कर देखा जाना चाहिये. इसमें रीयल एस्टेट क्षेत्र पर वित्तीय क्षेत्र की समस्याओं का प्रभाव भी शामिल है. 

  7. सरकार को अपने मजबूत जनादेश का इस्तेमाल आर्थिक क्षेत्र के सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाने में करना चाहिये. इससे अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.

  8. दुनिया भर के कारखानों में तैयार कलपुर्जों को भारत में जोड़ने का बड़ा केन्द्र बनाया जा सकता है. इससे देश में रोजगार सृजन बढ़ाने में मदद मिलेगी.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)