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This Article is From Sep 23, 2017

जम्मू-कश्मीर में 4.5 तीव्रता के भूकंप के झटके, घबराकर घर से बाहर निकले लोग

हाल ही में मैक्सिको की राजधानी मैक्सिको सिटी में 7.1 तीव्रता के भयानक भूकंप ने भयंकर तबाही मचाने के अलावा 270 से ज्यादा जानों को भी लील लिया, और सारी दुनिया इससे थर्राकर रह गई. 

जम्मू-कश्मीर में 4.5 तीव्रता के भूकंप के झटके, घबराकर घर से बाहर निकले लोग
जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके
श्रीनगर: कश्मीर घाटी में आज मध्यम तीव्रता का भूकंप आया. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई. बहरहाल, भूकंप से कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि भूकंप तड़के पांच बजकर 44 मिनट पर आया। भूकंप बांदीपुरा के सिम्बोल में केंद्रित था. पुलिस ने बताया कि भूकंप के कारण किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है. भूकंप के कारण लोग घबराकर घर से बाहर निकल आए. गौरतलब है कि हाल ही में मैक्सिको की राजधानी मैक्सिको सिटी में 7.1 तीव्रता के भयानक भूकंप ने भयंकर तबाही मचाने के अलावा 270 से ज्यादा जानों को भी लील लिया और सारी दुनिया इससे थर्राकर रह गई. 

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भारत में इस भयावह ख़बर को पढ़ने वालों को रह-रहकर डर लग रहा है, क्योंकि हाल ही में राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने कहा था कि देश की राजधानी दिल्ली और नौ राज्यों की राजधानियों समेत देश के 29 शहर और कस्बे 'गंभीर' से 'बेहद गंभीर' भूकंपीय क्षेत्रों में आते हैं. इनमें अधिकतर इलाके हिमालय क्षेत्र में हैं, जो दुनिया में भूकंप की दृष्टि से सबसे ज्यादा सक्रिय इलाकों में से एक है.इस रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली, पटना (बिहार), श्रीनगर (जम्मू एवं कश्मीर), कोहिमा (नगालैंड), पुदुच्चेरी, गुवाहाटी (असम), गंगटोक (सिक्किम), शिमला (हिमाचल प्रदेश), देहरादून (उत्तराखंड), इंफाल (मणिपुर) और चंडीगढ़ भूकंपीय क्षेत्र 4 और 5 में आते हैं, और गौरतलब है कि इन सभी शहरों की कुल आबादी तीन करोड़ से भी अधिक है.

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उधर, देश के विभिन्न इलाकों के भूकंप संवेदी होने की पृष्ठभूमि में भारत में एक ऐसी चेतावनी प्रणाली विकसित करने पर काम किया जा रहा है जिससे इसका पूर्वानुमान लगाया जा सके ताकि भूकंप के कारण होने वाले नुकसान को कम किया जा सके. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डा. हषर्वधन के मुताबिक-दुनिया में अभी कहीं पर भी भूचाल, भूकंप का पूर्वानुमान करने की प्रणाली नहीं है. इस दिशा में कार्य चल रहे हैं और भारत में भी प्रयास हो रहा है. मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारत में भी कुमांउ में आईआईटी रूड़की और ताइवान मिलकर अध्ययन कर रहे हैं. भूकंप के पूर्वानुमान व्यक्त करने की प्रणाली विकसित करने पर कार्य चल रहा है.

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