रामपुर:
सपा के वरिष्ठ नेता और उप्र के नगर विकास मंत्री आजम खान ने जहां एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर तीखा हमला बोला, वहीं कांग्रेस ने भी आजम पर पलटवार करने में देर नहीं लगाई। वहीं, रामपुर से सांसद जयाप्रदा ने अखिलेश सरकार की आलोचना की।
उत्तर प्रदेश में निलंबित आईएएस महिला अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को लेकर अब समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस आमने-सामने दिख रही हैं। आजम ने कहा कि आम चुनाव में महज 10 वोट पाने के लालच में ही सोनिया ने आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के मामले में प्रधानमंत्री को पत्र लिख दिया। इससे उनके स्तर का पता चलता है।
रामपुर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए आजम खान ने कहा, "सोनिया का स्तर अब एक उप-जिलाधिकारी के बराबर हो गया है। सोनिया ने उप-जिलाधिकारी के समर्थन में प्रधानमंत्री को पत्र इसीलिए लिखा कि अगले आम चुनाव में उन्हें कुछ वोटों का लाभ मिल जाएगा।"
आजम ने कहा, "उन्हें लगा होगा कि आम चुनाव में उप-जिलाधिकारी की जहां भी तैनाती होगी वहां 10 फर्जी वोट उनके खाते में डलवा देंगी। उनका यह कदम संघीय ढांचे के खिलाफ है।"
आजम ने दुर्गा के निलंबन को सही ठहराते हुए कहा कि दुर्गा शक्ति ने जो गलती की उसकी सजा उनको मिली है। आजम ने आरोप लगाया कि सोनिया ने महिला आईएएस अधिकारी का पक्ष लेकर संवैधानिक तंत्र को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है।
आजम ने सोनिया के पत्र को एक स्टंट करार दिया और कहा कि दिल्ली में अगर यूपी कैडर के किसी अधिकारी का उत्पीड़न किया जाता है तो हम भी विरोध दर्ज कराएंगे।
आजम के इस बयान पर बौखलाई कांग्रेस ने भी जबर्दस्त पलटवार किया। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने आजम खान को नसीहत देते हुए कहा कि सोनिया पर उंगली उठाने से पहले उन्हें अपना स्तर देखना चाहिए।
सिंह ने कहा, "सोनिया गांधी किस स्तर की नेता हैं, वह देश ही नहीं विदेश के लोग भी जानते हैं। लेकिन उन पर उंगली उठाने वाले किस स्तर के हैं यह भी पूरा प्रदेश जानता है। खुद रामपुर के लोगों को भी उनकी हकीकत पता है।"
उधर, रामपुर से सांसद जयाप्रदा ने शुक्रवार को रामपुर में कहा कि आईएएस दुर्गाशक्ति नागपाल को बिना किसी कारण के निलंबित किया गया। इसी कारण इसका विरोध देशभर में हो रहा है।
सांसद ने कहा कि रामपुर में मुसलमानों पर जुल्म की इंतहा हो गई है। मदरसे तोड़े जा रहे हैं, लेकिन किसी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। रामपुर का कोई हाल नहीं देख रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग परेशान हैं। सड़कों की जर्जर हालत है। ग्रामीण क्षेत्रों का विकास रोक दिया गया है, गांवों को बिजली नहीं दी जा रही है।
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को रामपुर आकर हालात देखना चाहिए कि यहां के लोग कैसा जीवन बिता रहे हैं।"
उत्तर प्रदेश में निलंबित आईएएस महिला अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को लेकर अब समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस आमने-सामने दिख रही हैं। आजम ने कहा कि आम चुनाव में महज 10 वोट पाने के लालच में ही सोनिया ने आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के मामले में प्रधानमंत्री को पत्र लिख दिया। इससे उनके स्तर का पता चलता है।
रामपुर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए आजम खान ने कहा, "सोनिया का स्तर अब एक उप-जिलाधिकारी के बराबर हो गया है। सोनिया ने उप-जिलाधिकारी के समर्थन में प्रधानमंत्री को पत्र इसीलिए लिखा कि अगले आम चुनाव में उन्हें कुछ वोटों का लाभ मिल जाएगा।"
आजम ने कहा, "उन्हें लगा होगा कि आम चुनाव में उप-जिलाधिकारी की जहां भी तैनाती होगी वहां 10 फर्जी वोट उनके खाते में डलवा देंगी। उनका यह कदम संघीय ढांचे के खिलाफ है।"
आजम ने दुर्गा के निलंबन को सही ठहराते हुए कहा कि दुर्गा शक्ति ने जो गलती की उसकी सजा उनको मिली है। आजम ने आरोप लगाया कि सोनिया ने महिला आईएएस अधिकारी का पक्ष लेकर संवैधानिक तंत्र को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है।
आजम ने सोनिया के पत्र को एक स्टंट करार दिया और कहा कि दिल्ली में अगर यूपी कैडर के किसी अधिकारी का उत्पीड़न किया जाता है तो हम भी विरोध दर्ज कराएंगे।
आजम के इस बयान पर बौखलाई कांग्रेस ने भी जबर्दस्त पलटवार किया। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने आजम खान को नसीहत देते हुए कहा कि सोनिया पर उंगली उठाने से पहले उन्हें अपना स्तर देखना चाहिए।
सिंह ने कहा, "सोनिया गांधी किस स्तर की नेता हैं, वह देश ही नहीं विदेश के लोग भी जानते हैं। लेकिन उन पर उंगली उठाने वाले किस स्तर के हैं यह भी पूरा प्रदेश जानता है। खुद रामपुर के लोगों को भी उनकी हकीकत पता है।"
उधर, रामपुर से सांसद जयाप्रदा ने शुक्रवार को रामपुर में कहा कि आईएएस दुर्गाशक्ति नागपाल को बिना किसी कारण के निलंबित किया गया। इसी कारण इसका विरोध देशभर में हो रहा है।
सांसद ने कहा कि रामपुर में मुसलमानों पर जुल्म की इंतहा हो गई है। मदरसे तोड़े जा रहे हैं, लेकिन किसी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। रामपुर का कोई हाल नहीं देख रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग परेशान हैं। सड़कों की जर्जर हालत है। ग्रामीण क्षेत्रों का विकास रोक दिया गया है, गांवों को बिजली नहीं दी जा रही है।
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को रामपुर आकर हालात देखना चाहिए कि यहां के लोग कैसा जीवन बिता रहे हैं।"
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