सोशल मीडिया में इन दिनों 'नजमा आपी' छाई हुई हैं. 'नजमा आपी' दिल्ली में प्रदूषण हो, जेएनयू में हुई हिंसा हो या CAA का विरोध, हर मुद्दे पर अपनी राय रखती हैं. और राय रखने का अंदाज भी एकदम अलहदा. बस यही लोगों को पसंद आया और देखते-देखते नजमा आपी बन गईं इंटरनेट सेंसेशन. लेकिन ये 'नजमा आपी' दरअसल सिर्फ एक कैरेक्टर है और इसे निभाने वाली लड़की का नाम है सलोनी गौर. सलोनी अभी 19 साल की हैं और दिल्ली यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स और पॉलिटिकल साइंस में अंडर ग्रेजुएशन कर रही हैं.
सलोनी ने हाल ही में एनडीटीवी से अपने और अपने वर्चुअल कैरेक्टर को लेकर विस्तार से बातचीत की है. सलोनी ने बताया कि उन्होंने 2 साल पहले इस तरह के वीडियो बनाना तब शुरु किया जब कॉलेज आने पर नया-नया फोन मिला. हालांकि उन्हें बचपन से ही मिमिक्री करने का शौक था. वे कंगना रनौत और सोनम कपूर को भी बढ़िया कॉपी कर लेती हैं.
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सलोनी कहती हैं कि वीडियो वायरल होने के बाद लोगों को लगता है कि ये अचानक से कौन आ गया लेकिन वे दो साल से इस तरह के वीडियो बनाती आ रही हैं. उन्होंने कहा कि नवंबर में दिल्ली के प्रदूषण को लेकर बनाई गई उनकी एक वीडियो वायरल हुई तो लोगों को उनके बारे में पता चला. उन्होंने इसमें फिल्म 'जब तक है जान' के गाने 'सांस में तेरी सांस मिली तो' गाने के जरिए प्रदूषण पर तंज कसा था.
सलोनी बताती हैं कि उनका सबसे पहला कैरेक्टर पिंकी डोगरा नाम से था इसके बाद दो महिलाओं कुसुम बहनजी और आशा बहनजी का कैरेक्टर बनाया, जो अपने पतियों के बारे में और रोजमर्रा की चीजों को लेकर मजाकिया अंदाज में बातें किया करती थीं. सबसे आखिर में उन्होंने नजमा आपी का कैरेक्टर बनाया जो लोगों को बहुत पसंद आया और फिर इसे ही उन्होंने जारी रखा. सलोनी का कहना है कि वे किसी मुद्दे को लेकर कोई स्क्रिप्ट वगैरह तैयार नहीं करतीं और जो दिमाग में आता है बोलती चलीं जाती हैं.
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सलोनी हाल ही में कई ऐसे मुद्दों पर राय रखती आई हैं जिन पर लोग दो धड़े में बंटे हैं. जब उनसे ये पूछा गया कि क्या वे इस बात को ध्यान में रखती हैं कि उनकी किसी बात पर किसी को आपत्ति न हो जाए? तो वे कहती हैं कि वे ऐसा सोच कर नहीं करतीं क्योंकि लोगों को आपत्ति तो किसी भी चीज पर हो जाती है. हां लेकिन वे कोशिश करती हैं कि किसी ऐसे मुद्दे को न छुएं जिस पर लोग ज्यादा ही भड़क जाएं. सलोनी का मानना है कि जब आप किसी बात को ह्यूमर के साथ कहते हैं तो लोग उसके पक्ष में हो या विपक्ष में सुनते जरूर हैं.
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