यह ख़बर 09 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सीओ हत्याकांड : सीबीआई को सर्विस रिवॉल्वर व मोबाइल की तलाश

खास बातें

  • उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ जिले के कुंडा में पिछले दिनों पुलिस अधिकारी जियाउल हक सहित तीन लोगों की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए सीबीआई ने अपनी जांच शुरू कर दी है।
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ जिले के कुंडा में पिछले दिनों पुलिस अधिकारी जियाउल हक सहित तीन लोगों की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी जांच शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि इस हत्याकांड की तह तक जाने के लिए सीबीआई को सबसे पहले हक की सर्विस रिवॉल्वर और मोबाइल फोन हर हाल में ढूंढना होगा।

सीओ हत्याकांड की जांच सीबीआई ने शुक्रवार को कुंडा पहुंचकर शुरू कर दी, लेकिन इस टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती जियाउल हक की सर्विस रिवॉल्वर, बुलेट के खोखे और उनके मोबाइल फोन को तलाशना है। सीबीआई के अधिकारी खुद इस बात को मान रहे हैं कि साक्ष्यों को बड़ी चतुराई से मिटाया गया है ताकि जांचकर्ताओं के हाथ कुछ न लगे।

सीबीआई के एक अधिकारी के मुताबिक, उनका सबसे पहला लक्ष्य शहीद पुलिस अधिकारी की सर्विस रिवॉल्वर और मोबाइल को ढूंढना है। उसके बाद ही इस हत्याकांड में आगे कुछ किया जा सकता है। फिलहाल सीबीआई ने इस मामले में जांच की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए हैं।

सीबीआई के सूत्र बताते हैं कि सबसे पहले तो इस आपराधिक कृत्य से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़े पूर्व मंत्री राजा भैया सहित 23 लोगों की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। इन लोगों के अलावा सीबीआई शहीद पुलिस अधिकारी के नम्बर की भी कॉल डिटेल निकलवा रही है ताकि कोई सुराग मिल सके।

सीबीआई के यह अधिकारी बताते हैं कि घटनास्थल पर जाने के बाद प्रथम दृष्टया तो यही सामने आया है कि इस हत्या से जुड़े सभी साक्ष्य बड़ी सफाई से मिटाए गए हैं। सीबीआई का यह भी मानना है कि पोस्टर्माटम रिपोर्ट को लेकर भी जो भ्रामक स्थिति बनी हुई है, उस पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

ज्ञात हो कि शहीद पुलिस अधिकारी जियाउल हक की पत्नी परवीन ने हत्याकांड के दिन ही मीडिया के सामने यह बयान दिया था कि उन्हें तीन गोलियां मारी गई हैं, लेकिन पोस्टर्माटम रिपोर्ट में केवल एक ही गोली लगने की बात सामने आई है।

सीबीआई के यह अधिकारी बताते हैं कि फिलहाल जिला प्रशासन से पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगी गई है और यदि जरूरत पड़ी तो जियाउल हक के शव का दोबारा पोस्टमार्टम भी कराया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि जांच का अभी शुरुआती दौर है, इसलिए अभी से ही अलग-अलग तरह की अटकलें नही लगाई जानी चाहिए। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी वैसे-वैसे इस हत्याकांड में कई और खुलासे होंगे।

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उल्लेखनीय है कि सीबीआई की तरफ से सीओ हत्याकांड में जो चार प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, उनमें सीओ, ग्राम प्रधान नन्हे यादव और उनके भाई रमेश यादव की हत्या तथा बलीपुर गांव में हुई हिंसा का मामला दर्ज किया गया है।