घर से बेंगलुरु जाने के लिए निकले परिवार के साथ रविवार को हुई घटना खट्टी-मीठी यादों वाली बन गई, जब उनका डेढ़ साल का बच्चा माता-पिता को छोड़कर अकेले ट्रेन से मथुरा पहुंच गया लेकिन रेलवे की मदद से कुछ ही घंटों में पूरा परिवार फिर साथ था. रेलवे चाइल्ड लाइन के कोऑर्डिनेटर सईद ने बताया कि रविवार की शाम रेलवे नियंत्रण कक्ष से सूचना मिली की दिल्ली से बेंगलुरु जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस (12628) में सवार होने के लिए स्टेशन पहुंचे एक परिवार के साथ यह हादसा हुआ है और मापा-पिता स्टेशन पर रह गए हैं जबकि डेढ़ साल का बच्चा ट्रेन में सवार हो गया है. उन्होंने बताया कि सूचना पाकर टीम मथुरा स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रही थी. प्राप्त सूचना के आधार पर टीम ने बच्चे को उतारा और उसके परिवार को सूचित किया.
उन्होंने बताया, ‘‘उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के जटपुराखेड़ा निवासी मुस्तकीम और उसकी पत्नी अपने बच्चे अदनान के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से रविवार की शाम साढ़े सात बजे कर्नाटक एक्सप्रेस में सवार होने वाले थे. स्टेशन पर ही उनकी दोस्ती बिजनौर निवासी हबीबा नामक महिला से हुई, जो अपने पति के साथ उसी ट्रेन पर सवार होने वाली थी.''
रेलवे की महंगी जमीन प्राइवेट कंपनियों को देगी सरकार, 21800 वर्गमीटर के लिए 393 करोड़ रिजर्व प्राइस
उन्होंने बताया कि स्टेशन पर बातचीत के दौरान हबीबा ने अदनान को अपनी गोद में ले लिया और उसे लेकर ट्रेन की कोच संख्या एस-12 में सवार हो गई. लेकिन जब तक मुस्तकीम और उसकी पत्नी ट्रेन में सवार हो पाते, ट्रेन चल दी और दोनों स्टेशन पर ही रह गए. सईद ने बताया कि मुस्तकीम ने तुरंत इसकी सूचना रेलवे को दी. रेलवे चाइल्ड लाइन ने राजकीय रेलवे पुलिस की मदद से बच्चे को बरामद कर लिया. उन्होंने बताया, ‘‘देर रात डेढ़ बजे मुस्तकीम और उसकी पत्नी इंटरसिटी एक्सप्रेस से मथुरा पहुंचे. सामान्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बच्चा उन्हें सौंप दिया गया.''
Video: रेलवे की जमीन पर बसी 48 हजार झुग्गियों को नहीं हटाया जाएगा
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं