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This Article is From Oct 03, 2015

जानें, ड्रोन और पैरा-ग्लाइडिंग के उपयोग पर क्यों लगाम लगाना चाहते हैं वायुसेना प्रमुख

जानें, ड्रोन और पैरा-ग्लाइडिंग के उपयोग पर क्यों लगाम लगाना चाहते हैं वायुसेना प्रमुख
वायुसेना प्रमुख अरुप राहा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरुप राहा का कहना है कि आतंकी खतरों को ध्यान में रखते हुए ड्रोन या फिर पैरा ग्लाइडर को रेगुलेट करना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि पता नहीं कब और कहां से खतरा सामने आ जाए। राहा ने कहा कि ऐसे कोई भी कहीं से कुछ फ्लाई नहीं कर सकता, हमें पता होना चाहिए कि कौन, क्या और कहां से फ्लाई कर रहा है। वायुसेना की चिंता ये भी है कि इसका इस्तेमाल आतंकी भी कर सकते हैं। वजह है कि ये आसानी से पकड़ में नहीं आते।

वैसे इस तरह की कोई घटना देश में अभी तक नहीं हुई है, लेकिन खुफिया जानकारी के मुताबिक आतंकी हवाई हमले कर सकते हैं। वायुसेना इसको लेकर नगर विमानन मंत्रालय और गृह मंत्रालय से बातचीत कर रही है।

वायुसेना लोगों से इस बारे में जागरुक रहने की अपील कर रही है कि वो ऐसी चीजों पर नजर रखें। वायुसेना प्रमुख ने ये भी कहा कि अनियमित ड्रोन और पैरा ग्लाइडर एक बड़ा खतरा है, क्योंकि ये बहुत आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और किसी महत्वपूर्ण ठिकाने को निशाना बना सकते हैं।

सरकार जल्द ही इसको लेकर गाइडलाइंस जारी करने वाली है। सुरक्षा के लिहाज से ये जरूरी है कि इन्हें उड़ाने से पहले प्रशासन और वायुसेना से अनुमति ली जाए। हाल के दिनों में कैमरा लगे छोटे मानव रहित विमान और ग्लाइडर बड़ी तादाद में आसमान में उड़ रहे हैं, जिससे वायुसेना की चिंता काफी बढ़ गई है।

ऐसा पहली बार नहीं है कि इसको लेकर चिंता जताई गई है। 26\11 के मुंबई हमले के बाद भी सुरक्षा एजेंसियों ने हवाई हमले की आंशका जताई थी। यही वजह है कि 26 जनवरी और 15 अगस्त को राजपथ और लालकिले के आसापास को नो फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया जाता है।

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