सपना हुआ साकार, नौसेना के हेलीकाप्टर बेडे़ में ऑब्जर्वर चुनी गईं गाजियाबाद की कुमुदिनी

कुमुदिनी के पिता प्रवेश त्यागी ने कहा- एक पिता के लिए इससे बड़ा खुशी का दिन और क्या होगा, जब एक बेटी पर पूरा देश नाज कर रहा हो

सपना हुआ साकार, नौसेना के हेलीकाप्टर बेडे़ में ऑब्जर्वर चुनी गईं गाजियाबाद की कुमुदिनी

गाजियाबाद की कुमुदिनी त्यागी भारतीय नौसेना के हैलिकॉप्टर बेड़े में ऑब्जर्वर चुनी गई हैं.

नई दिल्ली:

भारतीय नौसेना (Indian Navy) के हेलीकाप्टर बेडे़ में बतौर ऑब्जर्वर (महिला रणनीतिकार) चुनी गईं कुमुदिनी त्यागी (Kumudini Tyagi) ने गाजियाबाद (Ghaziabad) जिले और देश का नाम रोशन किया है. संजय नगर सेक्टर-23 में रहने वालीं कुमुदिनी के पिता प्रवेश त्यागी ने कहा कि ''एक पिता के लिए इससे बड़ा खुशी का दिन और क्या होगा, जब एक बेटी पर पूरा देश नाज कर रहा हो. अपनी आंखों के सामने बेटी को सपना पूरा करते हुए देख रहा हूं. उसने वह कर दिखाया जो कभी उसने बचपन से करने के बारे में सोचा था. कक्षा 10वीं से ही आर्म्ड फोर्स में जाने की जिद थी और उसी के लिए उसने दिनरात मेहनत की. काम से जब भी घर लौटता था तो मैंने हमेशा कुमुदिनी को पढ़ते हुए ही देखा था. आज वह मेहनत रंग ला रही है. चार दिन पहले ही उसने जानकारी दी थी कि उसे ऑब्जर्वर (Observer) के तौर पर चुन लिया गया है, लेकिन सोमवार को विधिवत तौर पर चुने जाने की खबर से बेहद खुशी हुई.'' 

कुमुदिनी के पिता सिक्युरिटी एजेंसी चलाते हैं. उनका कहना है कि बेटी ने 10वीं सेंट पॉल स्कूल राजनगर और 12वीं छबीलदास स्कूल से की. इसके बाद एबीईएस इंजीनियरिंग कॉलेज से कम्प्यूटर साइंस से बीटेक किया. बचपन से ही कुमुदिनी पढ़ने में होशियार रही हैं और अक्सर एक ही बात कहती थीं कि पापा वर्दी की नौकरी करनी है, वह भी ऊंचे पद पर, जिससे आपको नाज हो. उसका जो लक्ष्य था, हमेशा मेहनत भी उसी हिसाब से की. 

उन्होंने बताया कि कुमुदिनी बीटेक करने के बाद फोर्स में जाने की तैयारी में जुट गईं. लगन और कड़ी मेहनत के दम पर दिसंबर 2018 में नेवी में कमीशन हासिल किया. यहीं से उसकी जिंदगी का नया दौर शुरू हुआ है. नौकरी ज्वाइन करने के बाद भी उसने अपनी इच्छाओं को खत्म नहीं होने दिया. नौकरी में भी कुछ नया करने में लगी रहीं. हमारी जब भी बात होती थी तो वह यही बताती थी कि पापा पढ़ रही हूं. बस बीच में समय निकालकर अपनी मां अंजुला त्यागी या परिवार के अन्य लोगों से बात कर लेती है. 

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मूलरूप से खरखौदा का रहने वाला है परिवार
कुमुदिनी का परिवार मूल रूप से खरखौदा (मेरठ) का रहना वाला है. दादा सुरेश चंद त्यागी पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे, जिन्होंने 1985 में संजयनगर में ही अपना मकान बना लिया था. उसके बाद से पूरा परिवार यहीं पर रहता है. प्रवेश त्यागी बताते हैं कि परिवार के बाकी लोग खरखौदा में रहते हैं. कुमुदिनी के छोटे भाई ने अलीगढ से बीकॉम ऑनर्स किया है, जो अब सरकारी नौकरी की तैयारी में लगे हैं.