जम्मू कश्मीर में विरोध प्रदर्शनों में 96 पुलिसवाले भी घायल हुए
श्रीनगर:
कश्मीर घाटी के कई स्थानों पर बुरहान की मौत के अगले दिन से हिंसक प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़पों में 11 लोग मारे गये हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस के एडीजीपी (सीआईडी) एसएम सहाय ने कहा, ‘‘हमारा आज का दिन बहुत मुश्किल रहा।’’ उन्होंने स्थिति ‘‘कुछ इलाकों में खराब’’, उत्तरी कश्मीर जैसे क्षेत्रों में ‘‘गंभीर नहीं’’ और श्रीनगर में नियंत्रण में बताई।
सहाय ने कहा कि इनमें से आठ की मौत सुरक्षाबलों की ‘‘जवाबी’’ कार्रवाई में हुई जबकि एक ब्यक्ति की मौत डूबने से हुई। सहाय ने कहा कि पुलवामा के जिला पुलिस लाइंस पर भी आतंकी हमला हुआ जिसे सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने संगम, लारनू, सीर, गोपालपुरा में शिविरों तथा माटन, कोकेरनाग, दूरू और जंगलत मंडी अल्पसंख्यक शिविरों पर भी हमले किये।
सहाय ने स्थिति पर संवाददाता सम्मेलन करते हुए कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि झड़पों में युवाओं की जानें जा रही हैं।’’ उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों को इन प्रदर्शनों में भाग लेने से रोकने की अपील की ताकि युवाओं की जानें नहीं जाएं।
मार गिराने के बजाय बुरहान को जिंदा क्यों नहीं पकड़ा गया, जैसे कई सवालों के जवाब में सहाय ने कहा कि हम निश्चित रूप से हमारे अपने समाज के युवाओं को मार गिराना नहीं चाहते।
उन्होंने कहा कि हिजबुल कमांडर और दो अन्य को उस समय मार गिराया गया जब सुरक्षा बलों ने एक घर में छिपकर तीन लोगों द्वारा गोलियां चलाने के बाद जवाबी कार्रवाई की। दो सुरक्षाकर्मी इस गोलीबारी में घायल हुए थे।
कश्मीर में आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी को मार गिराये जाने के बाद भीड़ की हिंसा और झड़पों में आज 11 लोगों की मौत हो गई जबकि सुरक्षा बलों के 96 जवानों सहित 126 लोग घायल हुए। अधिकारियों ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए हैं और मोबाइल इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सहाय ने कहा कि इनमें से आठ की मौत सुरक्षाबलों की ‘‘जवाबी’’ कार्रवाई में हुई जबकि एक ब्यक्ति की मौत डूबने से हुई। सहाय ने कहा कि पुलवामा के जिला पुलिस लाइंस पर भी आतंकी हमला हुआ जिसे सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने संगम, लारनू, सीर, गोपालपुरा में शिविरों तथा माटन, कोकेरनाग, दूरू और जंगलत मंडी अल्पसंख्यक शिविरों पर भी हमले किये।
सहाय ने स्थिति पर संवाददाता सम्मेलन करते हुए कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि झड़पों में युवाओं की जानें जा रही हैं।’’ उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों को इन प्रदर्शनों में भाग लेने से रोकने की अपील की ताकि युवाओं की जानें नहीं जाएं।
मार गिराने के बजाय बुरहान को जिंदा क्यों नहीं पकड़ा गया, जैसे कई सवालों के जवाब में सहाय ने कहा कि हम निश्चित रूप से हमारे अपने समाज के युवाओं को मार गिराना नहीं चाहते।
उन्होंने कहा कि हिजबुल कमांडर और दो अन्य को उस समय मार गिराया गया जब सुरक्षा बलों ने एक घर में छिपकर तीन लोगों द्वारा गोलियां चलाने के बाद जवाबी कार्रवाई की। दो सुरक्षाकर्मी इस गोलीबारी में घायल हुए थे।
कश्मीर में आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी को मार गिराये जाने के बाद भीड़ की हिंसा और झड़पों में आज 11 लोगों की मौत हो गई जबकि सुरक्षा बलों के 96 जवानों सहित 126 लोग घायल हुए। अधिकारियों ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए हैं और मोबाइल इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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