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This Article is From May 20, 2016

पाक की टिप्‍पणी से नाराज भारत ने कहा - 'हमारे आंतरिक मामलों पर उपदेश न दें'

पाक की टिप्‍पणी से नाराज भारत ने कहा - 'हमारे आंतरिक मामलों पर उपदेश न दें'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप का फाइल फोटो...
नई दिल्‍ली: कश्मीर के हंदवाड़ा में घटी एक घटना के बारे में इस्लामाबाद से आई टिप्पणियों पर नाराजगी भरी प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने आज कहा कि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है और भारत को अपने आंतरिक मामलों पर उससे उपदेश की जरूरत नहीं है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के एक वरिष्ठ मंत्री की यह टिप्पणी भारत के रुख की पुष्टि करती है कि जमात-उद-दावा और जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती, क्योंकि सरकार खुद उनके साथ शामिल है। उन्होंने कहा कि पंजाब के कानून मंत्री राणा सनाउल्ला के बयान उन लोगों और संगठनों के खिलाफ भी प्रभावी कार्रवाई नहीं करने की वजह को साफ करते हैं, जिन पर कार्रवाई करने की पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय वचनबद्धता है। स्वरूप ने कहा कि इस्लामाबाद को इस दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता पर ध्यान देना चाहिए।

स्वरूप ने कहा, 'अगर वास्‍तव में मंत्री ने यह कहा है तो यह दुखद तरीके से उस विचार की पुष्टि करता है जो हमने पाकिस्तान में भारत-विरोधी आतंकवादी समूहों को उपलब्ध समर्थन और आजादी के बारे में व्यक्त किए हैं। इनमें अंतरराष्ट्रीय मुहर वाले आतंकवादी संगठन और लोग भी हैं।' पाकिस्तानी मंत्री ने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ किसी भी कानूनी कार्रवाई की संभावना को खारिज करते हुए कहा था, 'आप किसी समूह पर मुकदमा कैसे चला सकते हैं जिसके साथ खुद सरकार शामिल हो?'

हंदवाड़ा की घटना के बाद हुए विरोध-प्रदर्शनों के बारे में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के बयान पर प्रतिक्रिया मांगने पर स्वरूप ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बताया और कहा कि इस तरह के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का पाकिस्तान को कोई अधिकार नहीं है। स्वरूप ने कहा, 'हमें तीसरे पक्षों से उपदेश की जरूरत नहीं है और पाकिस्तान से तो बिल्कुल भी नहीं है जोकि वैश्विक आतंकवाद के केंद्र के तौर पर और नियमित रूप से धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किए जाने वाले देश के रूप में उसकी खुद की स्थिति को बेहतर तरीके से समझेगा।' उन्होंने कहा कि भारत के मजबूत और जीवंत लोकतंत्र में इस तरह के मामलों से निपटने के लिए पर्याप्त प्रणालियां हैं।

स्वरूप ने कहा, 'पूरा जम्मू-कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा है। जम्मू-कश्मीर और भारत के लिए पूरी तरह आंतरिक मुद्दों पर टिप्पणी करने का पाकिस्तान को कोई हक नहीं है।' हंदवाड़ा शहर में और इसके नजदीक कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के इलाकों में पिछले महीने सेना के एक जवान द्वारा 16 साल की लड़की से छेड़छाड़ के आरोपों के बाद विरोध प्रदर्शन हुए थे। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कथित तौर पर हंदवाड़ा की घटना से निपटने के तरीके की आलोचना की थी।

जब पूछा गया कि क्या पाकिस्तान एनआईए के एक दल को पठानकोट हमले की जांच के सिलसिले में पाकिस्तान यात्रा की अनुमति देने का इच्छुक नहीं है तो स्वरूप ने कहा कि पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल की भारत यात्रा की अनुमति से पहले मौखिक नोट भेजकर कहा गया था कि परस्पर आदान-प्रदान के हिसाब से यह होगा।

स्वरूप ने कहा, 'जेआईटी को परस्पर आदान-प्रदान के आधार पर आने की अनुमति दी गई थी और पाकिस्तान ने इससे इनकार भी नहीं किया था। हमने उनसे (एनआईए के दौरे के लिए) अनुरोध किया था। देखते हैं कि वे क्या जवाब देते हैं।' उन्होंने कहा कि पठानकोट के मुद्दे पर पाकिस्तान पर दबाव है और विदेश सचिव एस जयशंकर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष ऐजाज चौधरी से पिछले महीने यहां बातचीत के दौरान कहा था कि आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा है और पाकिस्तान को इसे रोकने के लिए कदम उठाने होंगे। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एक आर्थिक गलियारा बनाने में चीन द्वारा अरबों डॉलर का निवेश किए जाने के बारे में पूछे जाने पर स्वरूप ने कहा कि यह क्षेत्र भारत का अभिन्न हिस्सा है और चीन को वहां सभी गतिविधियां बंद करने को कहा गया है।

उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न भाग है। पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में चीनी गतिविधियों को चीनी पक्ष के साथ उठाया गया है। इसे सर्वोच्च स्तर पर भी उठाया गया है। हमने उनसे वहां सभी गतिविधियां बंद करने को कहा था।' क्या अफगानिस्तान ने यह कहा है कि वह क्षेत्र के लिए भारत द्वारा बनाए जा रहे उपग्रह का हिस्सा नहीं होगा, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह देश इसका हिस्सा है।

विजय माल्या के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण के बारे में पूछे जाने पर स्वरूप ने कहा कि मंत्रालय आगे के कदमों पर प्रवर्तन निदेशालय की सलाह का इंतजार कर रहा है। ब्रिटेन ने माल्या का निर्वासन करने से इनकार कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिजी के उनके समकक्ष रियर एडमिरल (सेवानिवृत्त) जोसैया वोरेक बैनीमरामा से कल हुई बातचीत के संदर्भ में स्वरूप ने कहा कि दोनों पक्षों ने सौर उर्जा के क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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