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This Article is From May 28, 2014

आरएसएस का पलटवार : क्या उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर को पैतृक संपत्ति समझते हैं...?

आरएसएस का पलटवार : क्या उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर को पैतृक संपत्ति समझते हैं...?
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बुधवार को जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर यह कहते हुए करारा पलटवार किया कि क्या उमर इसे (जम्मू एवं कश्मीर को) अपनी पैतृक संपत्ति समझते हैं, और संघ ने दावा किया कि जम्मू एवं कश्मीर से संविधान का अनुच्छेद 370 हटे या न हटे, लेकिन यह राज्य भारत का अभिन्न अंग रहेगा।

आरएसएस के प्रवक्ता राम माधव ने अपने ट्विटर एकाउंट में लिखा, "जम्मू एवं कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं होगा...? क्या उमर इसे अपनी पैतृक संपत्ति समझ रहे हैं...? (अनुच्छेद) 370 रहे या न रहे, जम्मू-कश्मीर हमेशा से रहा है और हमेशा ही भारत का अभिन्न अंग रहेगा..."

राम माधव की इस तल्ख टिप्पणी के जवाब में उमर ने फिर कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि जम्मू-कश्मीर उनकी पैतृक संपत्ति है, लेकिन वह राज्य के नागरिक हैं और उनके पास अपने अधिकारों के बारे में बोलने का अधिकार है। उमर ने कहा कि वह आरएसएस के प्रति निष्ठा नहीं रखते हैं और कोई आरएसएस वाला उनको अपने राज्य के बारे में बोलने से नहीं रोक सकता है।

उल्लेखनीय है कि जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा था कि अगर संविधान का अनुच्छेद 370 हटाया गया तो जम्मू एवं कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान का यह अनुच्छेद राज्य को विशेष दर्जा देता है।

उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर लिखा था, "मेरे शब्द याद रखें और यह ट्वीट सेव करके रख लें... जब मोदी सरकार सुदूर अतीत में जा चुकी होगी, तब भी या तो अनुच्छेद 370 बना रहेगा या फिर जम्मू−कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रह जाएगा... अनुच्छेद 370 जम्मू−कश्मीर और भारत के बीच इकलौता सूत्र है... इसे हटाने की बात गैर-ज़िम्मेदाराना है..."

इस बीच, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने भी एक बयान जारी कर कहा था कि अनुच्छेद 370 पर गैर-ज़िम्मेदाराना बयान फौरन बंद होने चाहिए, क्योंकि जम्मू−कश्मीर में इसके गंभीर असर होंगे। साथ ही शांति और समावेश का माहौल बिगड़ने का खतरा है, जो केंद्र में नई सरकार अपने आगमन के साथ बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

दरअसल, यह विवाद उस समय शुरू हुआ था, जब प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को यह घोषणा करते हुए हड़कंप मचा दिया कि नई सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि मीडिया ने उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया।

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