तेजप्रताप के घर पर सरकारी डॉक्टरों की तैनाती, IGIMS के MS बोले- स्वास्थ्य मंत्री को मना नहीं कर सकते

IGIMS के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ पीके सिन्हा ने कहा कि कोई भी वहां स्थायी तौर पर तैनात नहीं था, सबुह- शाम की शिफ्ट में तैनात थे.

खास बातें

  • मामला सामने आने के बाद डॉक्टरों को हटाया गया
  • कोई भी स्थायी तौर पर तैनात नहीं था : MS
  • किसका इलाज हो रहा है जानकारी लीक नहीं कर सकते
पटना:

बिहार में आरजेडी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं. ताजा मामला बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और लालू यादव के बेटे तेजप्रताप यादव के घर पर IGIMS डॉक्टरों की तैनाती का है. स्वास्थ्य मंत्री के घर 10 दिनों तक सरकारी डॉक्टरों की तैनाती ने विवाद खड़ा कर दिया है. मामला सामने आने के तुरंत बाद डॉक्टरों को वहां से हटा दिया गया, लेकिन बड़ा सवाल है कि आखिर वह बीमार शख्स है कौन, जिसके लिए आदेश पारित कर स्वास्थ्य मंत्री के घर डॉक्टरों की टीम तैनात की गई थी. (बिहार : लालू प्रसाद के बेटे तेजप्रताप अपने दुश्मनों से निपटने के लिए ले रहे तंत्र-मंत्र का सहारा!)

IGIMS के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ पीके सिन्हा ने कहा कि कोई भी वहां स्थायी तौर पर तैनात नहीं था, सबुह- शाम की शिफ्ट में तैनात थे. तेज प्रताप स्वास्थ्य मंत्री हैं, हम उन्हें किसी चीज के लिए मना नहीं कह सकते. स्वास्थ्य मंत्री और IGIMS का चेयरमैन होने के नाते उन्हें प्राथमिकता मिलेगी. आम आदमी और एक चेयरमैन में फर्क होता है. और अगर किसी का इलाज हो रहा है तो हम जानकारी लीक नहीं कर सकते.

पिछले दिनों, बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया था कि तेजप्रताप यादव ने एक ऑटो शो रूम के लिए जमीं खरीदी और उसके बाद बैंक से कर्ज लिया. लेकिन इस बात का जिक्र न ही उनके चुनावी शपथ-पत्र में हैं और न ही मंत्रियों की वार्षिक सम्पत्ति के ब्योरे में. इस पर लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि मेरा बेटा बेदाग है.


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