डॉक्टर दंपति को 44 साल बाद कश्मीर का डोमेसाइल सर्टिफिकेट मिला

जम्मू कश्मीर में 1990 के आंतकवाद के दौर में पलायन करके दिल्ली एनसीआर में बसे परिवारों को कश्मीर का डोमेसाइल देने का काम जारी

नई दिल्ली:

जम्मू कश्मीर में 1990 के आंतकवाद के दौर में पलायन करके दिल्ली एनसीआर में बसे करीब 25 हजार परिवारों को कश्मीर का डोमेसाइल देने का काम चल रहा है. दिल्ली में AIIMS के एक डॉक्टर दंपति डॉ राजरानी कौल और डॉ एनके मेहरा को 44 बाद कश्मीर का डोमेसाइल सर्टिफिकेट मिला है. श्रीनगर की रहने वालीं 65 साल की डॉ राजरानी कौल के चेहरे पर मुस्कान है. 44 साल बाद शनिवार को उनको और उनके बच्चों को कश्मीरी माना गया है. 

सन 1977 में राजरानी कौल की शादी पंजाब के रहने वाले डॉ एनके मेहरा से हुई थी. तब वे दिल्ली में आकर बस गईं और उनके तीन भाई श्रीनगर में रहते थे. सन 1990 में आतंकवाद के दौर में उनके तीनों भाई श्रीनगर से अमेरिका और दिल्ली पलायन कर गए. लेकिन अब सरकार की नई नीति के चलते उनको भी डोमेसाइल सार्टिफिकेट दिया जा रहा है.

डॉ राजरानी कौल हंसते हुए कहती हैं कति सेंटिमेंट गहरा है, इसीलिए आप मेरे चेहरे पर देख सकते हैं. मेरे बच्चे बहुत उत्साहित हैं, इसीलिए सुबह-सुबह भाग कर आई हूं. समाज के सभी के सहयोग से मैं कश्मीर में कुछ दिन रहना चाहती हूं. अब बस तो नहीं पाऊंगी लेकिन जड़ तो वहीं है. 

डा राजरानी कौल के पति डॉ एनके मेहरा ने कहा कि वहां जाकर बसना तो पॉसिबिल नहीं होगा लेकिन सेंटीमेंट इतना है कि हम छोटा मकान लेना चाहेंगे कि कुछ दिन जाएं. मैं तो बाहरी हूं, लेकिन राजरानी को कश्मीरी बोली और खाने से बहुत प्यार है. 

जम्मू कश्मीर भवन में डोमेसाइल सार्टिफिकेट बनवाने के लिए विपिन कौल भी आए. हालांकि वे हाल में श्रीनगर और दूसरी जगहों पर हो रही टारगेट किलिंग से डरे हुए हैं. विपिन कौल ने कहा कि डिपेंड ऑन सरकार, अभी आप देख रहे हैं कि किलिंग हो रही है. बस उम्मीद है. जब कश्मीर से निकले थे तब यही सोचकर निकले थे कि बस दो-तीन महीने बाद लौट जाना है, लेकिन तीस साल हो गए, कहां लौट पाए. सब हालात पर निर्भर करता है. 

एक अनुमान के मुताबिक कश्मीर से पलायन करके दिल्ली NCR में करीब 25000 से ज्यादा लोग बसे हैं. फिलहाल 8000 हजार लोगों का डोमेसाइल सार्टिफिकेट बनाया गया है. दिल्ली NCR में विस्थापिक कश्मीरियों का डोमेसाइल सार्टिफिकेट बनाने के लिए कश्मीर से राहत और पुनर्वास विभाग की टीम दिल्ली पहुंची है. 

जम्मू कश्मीर के पुनर्वास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर देविंदर सिंह भाव बताते हैं कि दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद जैसी जगहों पर शिविर लगाकर डोमेसाइल सार्टिफिकेट बना रहे हैं. देविंदर सिंह भाव ने कहा कि 1990 में पलायन करके दिल्ली एनसीआर में बसे लोगों को सुविधा के लिए लाजपत नगर, शालीमार गार्डन, नोएडा.. कई जगहों पर जा रहे हैं ताकि डोर स्टेप पर उनको सुविधा मिले. 

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फिलहाल देशभर के एक लाख से ज्यादा कश्मीरी विस्थापितों को डोमेसाइल सार्टिफिकेट दिया जा चुका है.