लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Chief Mayawati) भले हीआर्थिक संकट में फंसती दिखाई दे रही हैं. लेकिन उनके पास अकेले 'लुटियन दिल्ली' में करोड़ों रुपये की संपत्ति है. साथ ही दिल्ली में उनका आधिकारिक निवास व कार्यालय भी है. मायावती (Mayawati) की गणना देश के आर्थिक रूप से समृद्ध नेताओं में होती है. मायावती द्वारा 2012 के राज्यसभा चुनावों के समय नामांकन पत्र दाखिल करने के समय की गई घोषणा के अनुसार, उनकी लखनऊ व दिल्ली में दोनों जगह आवासीय व वाणिज्यिक संपत्तियां है, बैंक में नकदी व आभूषण हैं, यह सब 111 करोड़ रुपये से ज्यादा की हैं. आपको बता दें कि मायावती ने 2017 में राज्य सभा से इस्तीफा दे दिया था. साल 2010 में बसपा सुप्रीमो मायावती जब उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए निर्वाचित हुई थी तो उनकी कुल संपत्तियों (Mayawati Properties) की कीमत करीब 88 करोड़ रुपये व 2007 में 52.27 करोड़ रुपये आंकी गई थी. मायावती की ज्यादातर संपत्ति रियल एस्टेट में है और उनकी दिल्ली व लखनऊ में पॉश इलाके में आवासीय इमारतें हैं.
अखिलेश यादव का वह कदम, जो लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बन गया है मायावती के 'गले की हड्डी'
दिल्ली में बंगला नंबर-12,14 व 16 को मिलाकर सुपर बंगला बनाया गया है और इसका इस्तेमाल निवास-सह-कार्यालय के रूप में होता है. मायावती यहां अपनी प्रेस कांफ्रेंस व पार्टी की दूसरी महत्वपूर्ण बैठकें करती हैं. इस मिलाकर बनाए गए सुपर बंगले में से एक ईकाई को बहुजन प्रेरणा ट्रस्ट के नाम से आवंटित किया गया है. मायावती के पास उनके नाम से 4, गुरुद्वारा रकाब गंज रोड पर एक सरकारी बंगला है, यह इन तीनों से अलग है. इस तरह के बंगले मंत्रियों व सचिवों के लिए बने है, जिसका भूखंड 8,250 वर्गफीट है और आगे व पीछे लॉन हैं। इनका प्लिन्थ एरिया 1,970 वर्गफीट है और इसमें आठ शयनकक्ष, चार सर्वेट क्वार्टर व दो गैरेज हैं. इसके अलावा मायावती की दिल्ली की अचल संपत्तियों में (Mayawati's Wealth) दिल्ली के कनॉट प्लेस (बी-34 भूतल व बी-34 प्रथम तल, इनका क्षेत्र कमश: 3628.02 व 4535.02 वर्गफीट है) में दो वाणिज्यिक इमारतें शामिल हैं. इन वाणिज्यिक संपत्तियों का 2012 में अनुमानित बाजार मूल्य क्रमश: 9.39 करोड़ रुपये व 9.45 करोड़ रुपये है. इसकी जानकारी 2012 के राज्यसभा चुनावों के दौरान दाखिल किए गए नामांकन पत्र में है. साल 2009 में मायावती ने नई दिल्ली के डिप्लोमेटिक एनक्लेव के 23, 24 सरदार पटेल मार्ग पर एक संपत्ति खरीदी. इसका कुल क्षेत्रफल 43,000 वर्गफीट है.
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बसपा प्रमुख मायावती पर संकट, क्या लौटाने होंगे 59 करोड़?
2012 में इसकी कीमत 61 करोड़ रुपये आंकी गई थी. दूसरी तरफ, लखनऊ में मायावती के पास 9, माल एवेन्यू पर एक आवासीय इमारत है, जिसका क्षेत्रफल 71,282.96 वर्गफीट है, जिसका निर्माण क्षेत्र 53,767.29 वर्ग फीट है। इसे 3 नवंबर 2010 में खरीदा गया और इसकी अनुमानित कीमत 2012 में 16 करोड़ रुपये थी. आपको बता दें कि हाल ही में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में लगी हाथियों की मूर्तियां, बसपा के संस्थापक काशी राम और उनकी खुद की मूर्तियों को लेकर गंभीर टिप्पणी की और कहा कि इन पर खर्च पैसे सरकारी खजाने में जमा करना चाहिए. इसके बाद मायावती पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मायावती के शासनकाल में इन मूर्तियों पर अनुमानित 59 करोड़ रुपये का खर्च आया था. जिसमें उनकी खुद की प्रतिमाओं पर 3 करोड़ 49 लाख रुपये, काशीराम की प्रतिमा पर 3 करोड़ 77 लाख रुपये और चुनाव चिह्न हाथी की मूर्ति पर 52 करोड़ रुपये का खर्च किया गया था. मामले में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मायावती (Mayawati) के वकील को कहा कि अपने क्लाईंट को बता दीजिए की उन्हें मूर्तियों पर खर्च पैसे को सरकारी खजाने में वापस जमा कराना चाहिए. (इनपुट- IANS से भी)
हाथी की मूर्तियों पर खर्च पैसे लौटाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर मायावती की पहली प्रतिक्रिया
VIDEO: मायावती को हाथी की मूर्तियों पर खर्च पैसे लौटाना चाहिए: CJI
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