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द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम करुणानिधि ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के तीनों हत्यारों के मृत्युदंड को आजीवन कारावास में तब्दील करने के वास्ते कैबिनेट प्रस्ताव करने के लिए तमिलनाडु सरकार से गुहार लगाई।
करुणानिधि ने एक बयान में कहा, "राज्य सरकार को तुरंत कैबिनेट की बैठक बुलानी चाहिए। उन्हें तीनों दोषियों को मृत्युदंड निरस्त करने का प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल को भेजना चाहिए। दोषियों को बरी करने के लिए कदम उठाना चाहिए।"
मृत्युदंड सजायाफ्ता तीनों दोषियों के नाम वी श्रीहरन उर्फ मुरूगन, टी सुथेंद्रराजा उर्फ संथन और एजी पेरारीवलन उर्फ अरिवू है। राजीव गांधी की यहां से नजदीक श्रीपेरूमबुदूर में 1991 की एक चुनावी रैली में हत्या कर दी गई थी।
लिबरेशन टाइगर ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) से जुड़े तीनों हत्यारों को 1999 में एक निचली अदालत ने मृत्युदंड की सजा सुनाई थी।
दोषियों ने वर्ष 2000 में मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील करने के लिए राष्ट्रपति को दया याचिका दी थी।
लेकिन वर्ष 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने उनकी दया याचिका खारिज कर दी थी। तमिलनाडु विधानसभा ने 2011 में ही एक प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रपति से इनकी मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील करने की विनती की थी।
करुणानिधि का यह बयान 1993 के दिल्ली बम विस्फोट में फांसी की सजा पाए देवेंद्र पाल सिंह भुल्लर की सजा कम करने की अर्जी को शीर्ष अदालत द्वारा खारिज करने के बाद आया है।
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