यह ख़बर 10 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

कांग्रेस पार्टी के महासचिव से खास बातचीत

कांग्रेस पार्टी के महासचिव से खास बातचीत

नई दिल्ली:

आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले को जैसे ही केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी इसका विरोद सड़कों पर होने लगा है। ऐसे में तेलंगाना गठन पर अहम भूमिका अदा करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महासचिव दिग्विजय सिंह से एनडीटीवी के पॉलिटिकल एडिटर मनोरंजन भारती ने बातचीत की...

मनोरंजन भारती : आंध्र प्रदेश को लेकर क्या नीतियां चल रही है, आंध्र जल रहा है, बिजली नहीं है, बच्चे इंक्यूबेटर में है, हम किस चीज़ का इंतजार कर रहे हैं?

दिग्विजय सिंह : तेलंगाना आज का विषय नहीं है। जब पहले राज्य गठन आयोग बना था, उस समय से तेलंगाना की मांग हो रही है और उसमें उन्होंने तेलंगाना के बारे में उल्लेख किया था। समय−समय पर तेलंगाना की मांग उठती रही है। इसके विषय पर मांग होती रही, समझौते हुए कुछ पालन हुए, कुछ नहीं। 90 के आखिरी दशक में आंध्र प्रदेश के कांग्रेस विधायकों ने जब वाईएसआर रेड्डी कांग्रेस के विपक्ष के नेता थे, उस समय राष्ट्रपति के पास 40 से ज्यादा विधायकों ने तेलंगाना की मांग का आवेदन दिया था, तब से ये मांग है। 2004 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव घोषणापत्र में भी उसे शामिल किया।
तब माननीय राष्ट्रपति जी के अभिभाषण में भी इसका उल्लेख हुआ। 2007−08 में केन्द्र ने तेलंगाना पर चर्चा करने के लिए प्रणब मुखर्जी को ये जिम्मा सौंपा और सभी दलों से चर्चा की। सभी ने सहमति भी जताई। फिर सभी पार्टियों की बैठक बुलाई। जब शिंदे मंत्री थे तब सभी ने सहमति जताई, पर सीपीएम नहीं दे पाई। इसके पूर्व चिदंबरम जी ने बयान दिया। उन्होंने श्री कृष्ण कमीशन बनाया। उन छह सिफारिशों में से एक तेलंगाना की थी। इस पर चर्चा चलती रही, आखिर में जब सबकी सहमति आई, तब कांग्रेस ने फ़ैसला लिया। फैसले से पहले सीएम, डिप्टी सीएम, कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष को अपनी बात कोर कमेटी के सामने रखने का मौका दिया था।

मनोरंजन भारती : आपने कहा सभी दलों ने सहमति दी। अभी दो खत भी जारी किए। आपका कहना है कि जगन और चंद्रबाबू नायडू, जो धरने पर हैं, अपनी बात से पीछे हट रहे है?
 
दिग्विजय सिंह : यह पूरी तरह से राजनीतिक अवसरवादिता है। ये चिट्ठी लिखने के बाद पीछे क्यों हट रहे हैं? अगर कोई समस्या है तो बताएं। हम निराकरण करेंगे, लेकिन भड़काने वाले बयान न दें, जिसमें सीमांध्र में लोगों को तकलीफ हो।

मनोरंजन भारती : भड़काने वाले बयान तो... और भी देते हैं
दिग्विजय सिंह : वो भी गलत है। हम उसका भी विरोध करते हैं। केसीआर ने जिस तरह का बयान और उनकी पार्टी ने जो व्यवहार किया है वो उचित नहीं हैं।

मनोरंजन भारती : क्या ये दिक्कत नहीं है कि सीएम आपके पाले में नहीं हैं, जो रिपोर्ट सामने आ रही है। यहां तक कि विधान दल की बैठक में भी पार्टी ने बाहर एक नया दल बनाया।

दिग्विजय सिंह : ये ग़लत खबर है। अलग दल का न तो निर्णय हुआ, न कभी किसी ने इस पर विचार भी किया। ये बात ग़लत है।

मनोरंजन : आपको लगता है कि आंध्र के मुख्यमंत्री आपके साथ सहयोग कर रहे हैं।

दिग्विजय सिंह : निश्चित तौर पर वो कठिन समय में काम कर रहे हैं।

मनोरंजन : लेकिन जिस ढंग से वहां ब्लैक आउट है, अस्पतालों में बिजली नहीं है, क्या उनको एसमा नहीं लगाना चाहिए।

दिग्विजय सिंह : एसमा लगा दिया है, लेकिन एसमा एक ड्रेकोनियन लॉ है, चर्चा ही एक माध्यम है, जिससे हल निकाला जा सकता है। इससे बिजली विभाग के कमर्चारियों से बात हुई है। आवश्यक सर्विस चालू हो गई है। अस्पताल चालू हो गए हैं। कई जगहों पर एयरपोर्ट और ट्रेनों में बिजली देना चालू हो गया है। अभी भी उन्होंने पूरे तरीके से आंदोलन वापस नहीं लिया है। एनजीओ की स्ट्राइक पर भी बात चल रही है। उसका समाधान जल्दी करने का प्रयास कर रहे हैं।

मनोरंजन भारती : क्या किसी पुनर्विचार की गुंजाइश है?

दिग्विजय सिंह : पुनर्विचार की गुंजाइश नहीं है। छोटे−छोटे दल तो निर्णय लेकर पलट सकते हैं, लेकिन कांग्रेस की विश्वसनीयता अलग है, इसलिए कह कर हम लोग पलटते नहीं हैं।

मनोरंजन : यदि स्थिति बिगड़ती है ,तो राष्ट्रपति शासन का विकल्प है?

दिग्विजय सिंह : राष्ट्रपति शासन आख़िरी विकल्प होना चाहिए। पूरा विश्वास होना चाहिए कि जनता द्वारा चुनी सरकार काम करे।

मनोरंजन भारती : आपने अभी एक राज्य बनाया। आपके रहते बना। कोई विरोध नहीं हुआ। बिहार में भी बना पूरा बिजनेस चला गया कोई विरोध नहीं हुआ। अब जब तेलंगाना जैसा गरीब राज्य बनाना चाहते हैं तो क्या रसूखदार रेड्डी लोग जो पांच से छह प्रतिशत हैं, क्या वो इसलिए नाराज़ हैं कि उनके हाथ से सत्ता जा रही है, उनके हाथ राजनीतिक−आर्थिक ताकत है?

दिग्विजय सिंह : रेड्डी तेलंगाना आंध्र तथा सीमांध्र सभी जगह हैं, इसलिए वो जाति विशेष का विषय नहीं हैं, अलग राज्य बनाने से सीमांध्र के लोगों को हैदाराबाद के मामले से परेशानी है। पानी और संसाधनों के बंटवारे के मामले पर मैं कहना चाहूंगा कि सीमांध्र के लोगों को जो हैदराबाद में बसे हैं, उनके साथ न्याय होगा। मैं सीमांध्र के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनको कोई नुकसान नहीं होगा और उनके साथ किसी भी किस्म का भेदभाव नहीं होगा। शिक्षा, सेहत और नौकरी के मामलों में भी कोई भेदभाव नहीं होगा। 10 साल तक हैदराबाद दोनों राज्यों की साझा राजधानी रहेगी।

मनोरंजन भारती : जगन के साथ कांग्रेस का क्या रवैया होगा। ऐसा लग रहा है कि जगन मोहन रेड्डी कांग्रेस के प्रति नरम रुख़ अख्तियार किए हुए हैं।

दिग्विजय सिंह : जहां तक जगन का सवाल है, उसकी मूलधारा कांग्रेस है। हालांकि जगन ने कुछ ग़लत काम किए थे, जिसकी वजह से उसे कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन जो व्यक्ति कांग्रेस का है, वो सांप्रदायिक नहीं हो सकता।

मनोरंजन भारती : आपको क्या लगता है कि आंध्र प्रदेश में चल रहा बवाल क्या जल्दी ठीक हो जाएगा।

दिग्विजय सिंह : इस मामले पर मैं कहूंगा कि हमें उम्मीद व कोशिश दोनों करना चाहिए

मनोरंजन भारती : क्या आप लगातार मुख्यमंत्री के संपर्क में हैं।

दिग्विजय सिंह : हां मैं मुख्यमंत्री के संपर्क में हूं।

मनोरंजन भारती : राहुल गांधी ने दागियों पर लाए गए अध्यादेश के मामले पर जो भी कहा उस अंदाज़ को आप कैसे देखते हैं?

दिग्विजय सिंह : राहुल गांधी ने बेहद अहम मुद्दा उठाया है, पता नहीं लोग इसे कितना समझ पाए हैं। छोटे छोटे अल्पकालीन फ़ायदों के लिए हम लोग अगर समझौता करने लगे तो हम भ्रष्टाचार कभी ख़त्म नहीं कर पाएंगे, इसलिए नफ़ा हो या नुकसान भ्रष्टाचार से लड़ना ही चाहिए।

मनोरंजन भारती : राहुल गांधी ने युवा नेता के तौर पर जो तेवर दिखाए वो शायद बहुत सारे लोगों को अच्छा नहीं लगा होगा इस पर आपकी प्रतिक्रिया क्या है?

दिग्विजय सिंह : देखिए जो लोग राहुल के तेवर को अच्छा नहीं मान रहे हैं उनको इस बात को समझना चाहिए कि इसके पीछे मूल भावना क्या है, मूल भावना यह थी कि इसकी कोई आवश्यक्ता नहीं थी और ये सब ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ हो रहा है जिन पर कई सारे आरोप हैं। इसलिए जो निर्णय उन्होंने लिया और जिस तरह से अपनी बात रखी उसमें कोई बुराई नहीं है।

मनोरंजन भारती : सीबीआई का कहना है कि मायावती के ख़िलाफ़ आरोप नहीं बनता है और राहुल कहते हैं कि मायावती दलितों को आगे नहीं आने देतीं हैं, ये दो अलग−अलग विचारधाराएं हैं, थोड़ा संशय है?

दिग्विजय सिंह : कोई संशय नहीं है, जहां तक मायावती का सवाल है, वे कांशीराम जी की धरोहर पर कायम हैं, मायावती अपनी ही तरह की राजनीति करतीं हैं। क्या कारण है कि उत्तर प्रदेश के अलावा बीएसपी किसी और राज्य में आगे बढ़ नहीं पाई। दूसरे राज्यों में भी अनुसूचित जाति के बहुत से लोग रहते हैं, मध्य प्रदेश में भी 16 फ़ीसदी लोग अनुसूचित जातियों से आते हैं, मायावती की राजनीति अपनी तरह की है, लेकिन कांग्रेस की विचारधारा अलग है, जो महात्मा गांधी और पंडित नेहरू से प्रेरित है और उन्हीं के बताए रास्तों पर चलती है न कि जात−पात के हिसाब से...

मनोरंजन भारती : तो क्या 2014 के चुनाव में बीएसपी कांग्रेस के साथ नहीं होगी?

दिग्विजय सिंह : कोई भी राजनीति संभावनाओं के आधार पर होती है और अगर अभी देखा जाए तो जो घटनाएं उत्तर प्रदेश में हुईं हैं ,एक चौरासी कोसी यात्रा जिसकी मांग विश्व हिंदू परिषद के द्वारा की गई थी और ऐसे समय में मांग की गई जब चतुर्मास चल रहा था, ऐसे में कोई भी साधु संत नाला या नदी तक पार नहीं करते हैं, ये यात्रा पहले भी होती आई है, लेकिन ये हमेशा चैत्र बैसाख और रामनवमी के आस−पास होती है, पहले सपा ने अशोक सिंहल से मुलाक़ात की फिर उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया और फिर प्रेस कॉंफ्रेंस की इजाज़त भी दी। अगर सपा इस यात्रा को रोकना चाहती थी, तो फिर प्रेस कॉंफ्रेंस की इजाज़त क्यों दी। इससे मुझे मैच फ़िक्सिंग की शंका होती है। इसी तरह मुज़फ्फ़रनगर की घटना कई दिनों से आगे बढ़ रही थी। लगातार बवाल हो रहा था, इसमें समय पर कार्रवाई हो जाती तो बात इतनी नहीं बढ़ती।

मनोरंजन भारती : इन दोनों घटनाएं के पीछे आप किसका हाथ देखते हैं। जो सत्ता में हैं, उनका या फिर बीजेपी का।

दिग्विजय सिंह : सही मायने में इसमें बीजेपी का हाथ है, क्योंकि बीजेपी और नरेंद्र मोदी, ये जानते हैं कि बिना दंगा कराए उनकी राजनीति इस देश में नहीं चल सकती। बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हमेशा बेकसूरों की लाश पर राजनीति की है। यही उनकी कोशिश हमेशा से रही है और आगे भी रहेगी।

मनोरंजन भारती : तो फिर आप इसे कैसे रोकेंगे?

दिग्विजय सिंह : जहां तक गैर-कांग्रेसी राज्यों की बात है, तो ये तो उनके ऊपर है, लेकिन जिन राज्यों में कांग्रेस का शासन है, वो विधि व्यवस्था के प्रति ज़िम्मेदार हैं। इनके ख़िलाफ़ सख्ती से कार्रवाई की जानी चाहिए, इसलिए सांप्रदायिक ताकतें चाहें किसी भी कौम की हों सब पर नज़र रखनी चाहिए।

मनोरंजन भारती : नरेंद्र मोदी के बारे में आप क्या कहना चाहते हैं?

दिग्विजय सिंह : मोदी गुजरात के विकास मॉडल की बात करते हैं, लेकिन हक़ीक़त में गुजरात में विकास हुआ ही नहीं है, मोदी गुजरात में विकास के झूठे वादे करते हैं, आज गुजरात के हर नागरिक पर देश के किसी भी नागरिक से ज्यादा कर्ज़ है। साथ ही जब मोदी सरकार में आए थे तो गुजरात पर कर्ज़ बाइस हज़ार करोड़ का था, जो अब एक लाख चालीस हज़ार करोड़ का हो चुका है।

मनोरंजन भारती : ये तो डेडली कॉकटेल है यदि आप विकास की बातें जोड़ दें तो कोई और रास्ता नहीं बचता।

दिग्विजय सिंह : हम लोग तो विचारधारा की लड़ाई लड़ते हुए आए हैं, हमारे व्यक्तित्व पर कोई दाग नहीं है, लेकिन ये व्यक्ति तो अपने आप को महामंडित करता रहता है, आप एक बात समझ लीजिए कि इस व्यक्ति को जिस हाथ ने खिलाया है, ये उसी हाथ को खा गया है, हम मोदी को कोई चुनौती नहीं मानते हैं, मोदी तो खुद बीजेपी के लिए ही चुनौती हैं।

मनोरंजन भारती : मुज़फ्फ़रनगर में आज के समय में जो माहौल है उसमें समाज बट गया है। आप इस पर क्या कहेंगे।

दिग्विजय सिंह : दंगों से उन लोगों को फ़ायदा होता है जो हिंदू और मुस्लिमों के बंटवारे की राजनीति करते हैं। कांग्रेस पार्टी हमेशा दोनों समुदायों के साथ लेकर चलती है, याद रखिए कि दंगे के माहौल में हमेशा सांप्रदायिकता फैलाने वालों के लिए तालियां बजती हैं।

मनोरंजन भारती : राहुल गांधी भी गुजरात गए थे और कहा था कि 2014 के लोकसभा चुनाव करो या मरो की तर्ज पर होंगे।

दिग्विजय सिंह : 2014 का चुनाव करो या मरो की तर्ज पर नहीं होगा ये नारा तो ब्रिटिश हुकूमत को भगाने के लिए था। आज तो ऐसी कोई बात नहीं है, राजनीति में हम लोग अपना−अपना काम करते हैं। अपनी−अपनी लड़ाई लड़ते हैं और जनता जो निर्णय लेती है, उसे स्वीकार करते हैं।

मनोरंजन भारती : अगर ये चुनाव करो या मरो की तर्ज पर नहीं होगा तो क्या कार्यकर्ता निराश नहीं हो जाएंगे?

दिग्विजय सिंह : हमारी लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है, जिस विचारधारा ने गांधी की हत्या की, हमारी लड़ाई उस विचारधारा के ख़िलाफ़ हमेशा रहेगी...

मनोरंजन भारती : अध्यादेश पर राहुल का बयान बुधवार की रैली में उनका सपा और बसपा को टारगेट करना तो क्या अब ये समझा जाए कि जो कांग्रेस पार्टी को राहुल ही चला रहे हैं..

दिग्विजय सिंह : जहां तक सरकार की बात है, तो वो मनमोहन सिंह चला रहे हैं, सोनिया जी ने राहुल को जो ज़िम्मेदारी सौंपी थी, उसे राहुल निभा रहे हैं...

मनोरंजन भारती : अध्यादेश वाली प्रेस कॉंफ्रेंस में अजय माकन अध्यादेश का बचाव कर रहे थे और जैसे ही राहुल ने बयान दिया तो माकन ने कहा कि राहुल जी ने जो कहा वो ही पार्टी लाइन है। एक मंत्री ने भी कहा कि ’बॉस हमेशा सही होता है’ तो क्या समझा जाए कि कांग्रेस के बॉस राहुल गांधी हैं।

दिग्विजय सिंह : राहुल गांधी कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं। इस नाते वो हमारी पार्टी में नंबर-2 की पोज़ीशन पर हैं तो इसमें किसी को क्या आपत्ति है।

मनोरंजन भारती : तो क्या राहुल गांधी ही अब सबकुछ तय कर रहे हैं।

दिग्विजय सिंह : राहुल गांधी भी कई अहम फ़ैसले लेते हैं, लेकिन आखिरी फ़ैसला सोनिया गांधी ही करतीं हैं।

मनोरंजन भारती : जल्दी ही पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, क्या अनुमान लगा रहे हैं आप?

दिग्विजय सिंह : मैं कभी भी चुनाव के लिए अनुमान नहीं लगाता हूं, हमारी कोशिश इस बात की होगी कि हम सरकार बनाने में कामयाब रहें।

मनोरंजन भारती : लोग कह रहे हैं कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस का प्रचार अच्छा चल रहा है, लेकिन वो प्रचार हिट एंड रन टाइप का है। दिल्ली से नेता जाते हैं और भाषण देकर चले आते हैं

दिग्विजय सिंह : ऐसा नहीं है हर क्षेत्र के उम्मीदवार और कार्यकर्ता अपना काम कर रहे हैं, हमारा पूरा संगठन जुटा हुआ है।

मनोरंजन भारती : क्या आप विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे।

दिग्विजय सिंह : हां मैं विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ूंगा।

मनोरंजन भारती : क्या ज्योतिरादित्य भी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।

दिग्विजय सिंह : शायद ज्योतिरादित्य भी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।

मनोरंजन भारती : मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा?

दिग्विजय सिंह : पहले बहुमत मिल जाने दीजिए, उसके बाद तय किया जाएगा।

मनोरंजन भारती : क्या आप लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे?

दिग्विजय सिंह : अगर मुझे मौका मिला, तो मैं लोकसभा का चुनाव लड़ूंगा।

मनोरंजन भारती : छत्तीसगढ़ में भी चुनाव हैं, वहां क्या स्थिति है, कहा जा रहा है कि अगर अजित जोगी को कमान दे दी जाए तो सीट निकल सकतीं हैं।

दिग्विजय सिंह : मैं छत्तीसगढ़ बहुत दिनों से गया नहीं हूं, इसलिए वहां के राजनैतिक हालात की मुझे जानकारी नहीं है, मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि जिस दुघर्टना में हमारे इतने वरिष्ठ नेता चल बसे उनके प्रति लोगों के मन में सहानभूति है, पिछले 10 सालों से रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ की जनता को बहुत लूटा है, इससे लोगों में काफी नाराज़गी है।

मनोरंजन भारती : तो फिर पांच राज्यों के चुनावों पर आप क्या कहेंगे जीतेंगे या…

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दिग्विजय सिंह : हम हमेशा जीतने के लिए चुनाव लड़ते आए हैं और लड़ते रहेंगे। इस बार भी अच्छे से चुनाव लड़ेंगे...