कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना (केएनपीपी) की पहली इकाई में मध्यरात्रि से नाभिकीय विखंडन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस दिशा में अभी चल रही प्रक्रिया सहज रूप से आगे बढ़ती जा रही है।
                                            
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                                        कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना (केएनपीपी) की पहली इकाई में मध्यरात्रि से नाभिकीय विखंडन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस दिशा में अभी चल रही प्रक्रिया सहज रूप से आगे बढ़ती जा रही है। यह जानकारी भारतीय परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।
शनिवार को परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) के सचिव आर. भट्टाचार्य ने बताया, "सभी चीजें सहज रूप से अग्रसर हो रही हैं। अनुमान है कि पहली इकाई मध्य रात्रि तक पहली बार परमाणु विखंड की प्रक्रिया के लिए तैयार हो जाएगी।"
भारत के परमाणु ऊर्जा प्लांट संचालक, भारतीय परमाणु ऊर्जा कारपोरेशन (एनपीसीआईएल) यहां से करीब 650 किलोमीटर दूर कुडनकुलम में रूसी तकनीक की मदद से 1000 मेगावाट के दो रिएक्टर स्थापित कर रहा है।
स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामना कर चुकी इस परियोजना की परमाणु भट्ठी में डाले गए 163 यूरेनियम ईंधन बंडलों से ताप और भाप पैदा हाने की उम्मीद है। इसके बाद रिएक्टर की विशेषताओं को परखने के लिए कम शक्ति वाला परीक्षण किया जाएगा। रिपोर्ट संतोषप्रद रहने पर ही अगले चरण में शक्ति का स्तर बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी।
एनपीसीआईएल के अधिकारियों ने कहा कि यदि सबकुछ ठीक रहा तो इस संयंत्र में 45 दिनों के भीतर परमाणु बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
                                                                        
                                    
                                शनिवार को परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) के सचिव आर. भट्टाचार्य ने बताया, "सभी चीजें सहज रूप से अग्रसर हो रही हैं। अनुमान है कि पहली इकाई मध्य रात्रि तक पहली बार परमाणु विखंड की प्रक्रिया के लिए तैयार हो जाएगी।"
भारत के परमाणु ऊर्जा प्लांट संचालक, भारतीय परमाणु ऊर्जा कारपोरेशन (एनपीसीआईएल) यहां से करीब 650 किलोमीटर दूर कुडनकुलम में रूसी तकनीक की मदद से 1000 मेगावाट के दो रिएक्टर स्थापित कर रहा है।
स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामना कर चुकी इस परियोजना की परमाणु भट्ठी में डाले गए 163 यूरेनियम ईंधन बंडलों से ताप और भाप पैदा हाने की उम्मीद है। इसके बाद रिएक्टर की विशेषताओं को परखने के लिए कम शक्ति वाला परीक्षण किया जाएगा। रिपोर्ट संतोषप्रद रहने पर ही अगले चरण में शक्ति का स्तर बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी।
एनपीसीआईएल के अधिकारियों ने कहा कि यदि सबकुछ ठीक रहा तो इस संयंत्र में 45 दिनों के भीतर परमाणु बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
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