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कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की 5, 6 इकाई पर आएगी 50 हजार करोड़ की लागत

भारत के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र कुडनकुलम की पांचवी और छठवी इकाई के निर्माण पर 50 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसमें से आधी राशि रूस कर्ज के रूप में उपलब्ध कराएगा.
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NDTV Profit हिंदी09:23 PM IST, 02 Jun 2017NDTV Profit हिंदी
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भारत के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र कुडनकुलम की पांचवी और छठवी इकाई के निर्माण पर 50 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसमें से आधी राशि रूस कर्ज के रूप में उपलब्ध कराएगा.

भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एस. के. शर्मा ने बताया कि इस परियोजना से बिजली उत्पादन में सात वर्ष लगेंगे. भारत और रूस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन के बीच हुई वार्षक शिखर बैठक के दौरान हुए समारोह में  इस परियोजना में दो नए रिएक्टरों की स्थापना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए.

एस. के. शर्मा ने बताया कि इस पूरी परियोजना पर करीब 50,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसमें पहली इकाई 66 महीनों में शुरू हो जाएगी और दूसरी इकाई उसके छह माह बाद चालू होगी. इसके लिए रिएक्टर का निर्माण रूसी राज्य परमाणु निगम रोसाटम की इकाई एटमस्ट्रोयएक्सपोर्ट करेगी.

उन्होंने बताया कि यह परियोजना 70:30 के ऋण शेयर अनुपात में वित्तपोषित की जाएगी. इसमें 70 प्रतिशत ऋण और 30 प्रतिशत इक्विटी कोष होगा. रूस की सरकार निर्माण लागत में मदद करने के लिए भारत को 4.2 अरब डॉलर का ऋण देगी, बाकी परियोजना की इक्विटी लागत निगम अपने स्वयं के स्रोतों और सरकार से जुटाएगा.

उल्लेखनीय है कि इस परियोजना की एक और दो इकाई शुरू हो चुकी हैं. तीन और चार के 2022-23 तक चालू हो जाने की उम्मीद है.

दोनों देशों ने इसके लिए एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं. 'ए विजन फॉर द ट्वंटी फर्स्ट सेंचुरी' शीर्षक वाले दस्तावेज में कहा गया है कि भारत और रूस की अर्थव्यवस्थाएं ऊर्जा के क्षेत्र में एक दूसरे की पूरक हैं और दोनों देश एक 'ऊर्जा सेतु' बनाने की दिशा में काम करेंगे. इसमें कहा गया है कि परमाणु ऊर्जा, परमाणु ईंधन चक्र और परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी समेत व्यापक परिप्रेक्ष्य में भारत-रूस सहयोग का भविष्य उज्ज्वल है.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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