प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में उत्तराखंड के डीजीपी की गाड़ी से स्कूली बच्चों को ले जाया जाता था. एसपी (देहात) विद्या सागर मिश्रा ने आज बताया कि कुशीनगर में हुए स्कूल बस हादसे के बाद उच्चतम न्यायालय द्वारा सभी स्कूलों की बसों के परीक्षण के साथ जांच करने के निर्देश भी दिये गए थे. उन्हीं निर्देशो का पालन करते हुए मंगलवार को आरटीओ विभाग और पुलिस जब स्थानीय स्कूलों के वाहनों की जांच कर रही थी तभी एक स्कूल के बच्चों को लेकर आ रही एक टाटा सूमो को रोककर उसकी जांच की गई.
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उन्होंने बताया कि जांच के दौरान जब गाडी का नम्बर नेशनल रजिस्ट्रेशन ऐप पर डाला गया तो इस गाडी का पंजीकरण उत्तराखंड के डीजीपी के नाम पर था. मिश्रा ने बताया कि तुरन्त ही इस वाहन को कब्जे में लिया गया. चालक का कहना था कि उसने यह गाड़ी देहरादून में कबाड़ी के यहां से ली थी लेकिन उसने न तो इसे अपने नाम कराया और न ही उसका फिटनेस रजिस्ट्रेशन कराया. उन्होंने बताया कि विभिन्न धाराओं के तहत चालक का 50 हजार रुपये का चालान करते हुए वाहन को सील कर दिया गया है. (इनपुट भाषा से)
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उन्होंने बताया कि जांच के दौरान जब गाडी का नम्बर नेशनल रजिस्ट्रेशन ऐप पर डाला गया तो इस गाडी का पंजीकरण उत्तराखंड के डीजीपी के नाम पर था. मिश्रा ने बताया कि तुरन्त ही इस वाहन को कब्जे में लिया गया. चालक का कहना था कि उसने यह गाड़ी देहरादून में कबाड़ी के यहां से ली थी लेकिन उसने न तो इसे अपने नाम कराया और न ही उसका फिटनेस रजिस्ट्रेशन कराया. उन्होंने बताया कि विभिन्न धाराओं के तहत चालक का 50 हजार रुपये का चालान करते हुए वाहन को सील कर दिया गया है. (इनपुट भाषा से)