संघर्ष विराम के उल्लंघन की सभी घटनाओं की पहल पाकिस्तान की ओर से हुई हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सेना के शीर्ष अधिकारियों के जरिये भारत ने पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास संघर्ष विराम की किसी भी घटना के खिलाफ समुचित जवाब का अधिकार वह सुरक्षित रख रहे हैं. सैन्य अभियानों के महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जर्नल एके भट्ट ने सोमवार को अपने पाकिस्तानी समकक्ष से टेलीफोन पर की गई बात में कहा कि भारतीय थलसेना नियंत्रण रेखा पर शांति कायम रखने के प्रति गंभीर है.
थलसेना के प्रवक्ता लेफ्टीनेंट कर्नल अमन आनन्द ने कहा कि डीजीएमओ ने यह बात स्पष्ट रूप से कही कि भारतीय थलसेना किसी भी संघर्ष विराम पर जवाबी कार्रवाई के अधिकार को सुरक्षित रखती है किन्तु वह नियंत्रण रेखा पर शांति कायम रखने के अपने प्रयासों को लेकर गंभीर है बशर्ते, सामने के पक्ष से भी ऐसा ही हो.
इस टेलीफोन वार्ता से तीन घंटे पहले ही पाकिस्तानी सेना ने पुंछ एवं राजौरी जिलों में मोर्टार गोले दागे जिससे भारतीय सेना का एक जवान और नौ साल की एक बच्ची की जान गई. थल सेना प्रवक्ता ने कहा कि इस वार्ता की शरूआत पाकिस्तानी कमांडर मेजर जनरल शमशाद मिर्जा की पहल पर हुई.
उन्होंने पिछले सप्ताह कुपवाड़ा जिले में भारतीय केरन सेक्टर के सामने पाक अधिकृत कश्मीर के अथमुकम सेक्टर में पाकिस्तानी सैनिकों को निशाना बनाने का मुद्दा उठाया, जिसमें चार पाकिस्तानी सैनिक एवं एक नागरिक की जान गई. दोनों देशों के सैन्य कमांडरों की यह दस मिनट की बातचीत जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी सेना द्वारा संघर्ष विराम के उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं के बीच हुई है.
आनंद ने कहा कि जवाब में भारतीय डीजीएमओ ने इस बात पर जोर दिया कि संघर्ष विराम के उल्लंघन की सभी घटनाओं की पहल पाकिस्तान की ओर से हुई है तथा भारतीय थल सेना ने केवल समुचित जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक गोलाबारी की पहल तभी करते हैं जब नियंत्रण रेखा के समीप पाक चौकियों के बेहद नजदीक से सशस्त्र घुसपैठिए भारतीय क्षेत्र में आने का प्रयास करते हैं.
प्रवक्ता के अनुसार भट्ट ने इस बात को भी उजागर किया कि पाकिस्तान की अग्रिम चौकियों के सक्रिय सहयोग से नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ का क्रम बरकरार है, जिससे शांति एवं आतंरिक सुरक्षा स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यह बात घुसपैठ एवं पाकिस्तानी सैनिकों के समुचित सहयोग से सीमा पार से हमारे सैनिकों को निशाना बनाने से साबित होती है. जून में संघर्ष विराम उल्लंघन की 23 घटनाएं हो चुकी हैं. इनमें एक घटना बॉर्डर एक्शन टीम के हमले की और दो घटनाएं पाकिस्तान की घुसपैठ की कोशिश की थीं. इनमें तीन जवानों समेत चार लोग मारे गए थे और 12 लोग घायल हुए थे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
थलसेना के प्रवक्ता लेफ्टीनेंट कर्नल अमन आनन्द ने कहा कि डीजीएमओ ने यह बात स्पष्ट रूप से कही कि भारतीय थलसेना किसी भी संघर्ष विराम पर जवाबी कार्रवाई के अधिकार को सुरक्षित रखती है किन्तु वह नियंत्रण रेखा पर शांति कायम रखने के अपने प्रयासों को लेकर गंभीर है बशर्ते, सामने के पक्ष से भी ऐसा ही हो.
इस टेलीफोन वार्ता से तीन घंटे पहले ही पाकिस्तानी सेना ने पुंछ एवं राजौरी जिलों में मोर्टार गोले दागे जिससे भारतीय सेना का एक जवान और नौ साल की एक बच्ची की जान गई. थल सेना प्रवक्ता ने कहा कि इस वार्ता की शरूआत पाकिस्तानी कमांडर मेजर जनरल शमशाद मिर्जा की पहल पर हुई.
उन्होंने पिछले सप्ताह कुपवाड़ा जिले में भारतीय केरन सेक्टर के सामने पाक अधिकृत कश्मीर के अथमुकम सेक्टर में पाकिस्तानी सैनिकों को निशाना बनाने का मुद्दा उठाया, जिसमें चार पाकिस्तानी सैनिक एवं एक नागरिक की जान गई. दोनों देशों के सैन्य कमांडरों की यह दस मिनट की बातचीत जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी सेना द्वारा संघर्ष विराम के उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं के बीच हुई है.
आनंद ने कहा कि जवाब में भारतीय डीजीएमओ ने इस बात पर जोर दिया कि संघर्ष विराम के उल्लंघन की सभी घटनाओं की पहल पाकिस्तान की ओर से हुई है तथा भारतीय थल सेना ने केवल समुचित जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक गोलाबारी की पहल तभी करते हैं जब नियंत्रण रेखा के समीप पाक चौकियों के बेहद नजदीक से सशस्त्र घुसपैठिए भारतीय क्षेत्र में आने का प्रयास करते हैं.
प्रवक्ता के अनुसार भट्ट ने इस बात को भी उजागर किया कि पाकिस्तान की अग्रिम चौकियों के सक्रिय सहयोग से नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ का क्रम बरकरार है, जिससे शांति एवं आतंरिक सुरक्षा स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यह बात घुसपैठ एवं पाकिस्तानी सैनिकों के समुचित सहयोग से सीमा पार से हमारे सैनिकों को निशाना बनाने से साबित होती है. जून में संघर्ष विराम उल्लंघन की 23 घटनाएं हो चुकी हैं. इनमें एक घटना बॉर्डर एक्शन टीम के हमले की और दो घटनाएं पाकिस्तान की घुसपैठ की कोशिश की थीं. इनमें तीन जवानों समेत चार लोग मारे गए थे और 12 लोग घायल हुए थे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं