भारत और अमेरिका ने भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी और उनकी कपड़े उतारकर ली गई तलाशी की घटना से उपजे हालात का हल करने के विशेष कदमों पर गुरुवार रात चर्चा की। गौरतलब है कि राजनयिक के साथ हुए इस बर्ताव पर भारत में कड़ी प्रतिक्रिया हुई है।
अमेरिका की राजनीतिक मामलों की सहायक उप विदेशमंत्री वेंडी शेरमन की विदेश सचिव सुजाता सिंह के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत में इन कदमों पर चर्चा हुई।
इससे पहले, बुधवार रात को अमेरिका के विदेशमंत्री जॉन कैरी की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन के साथ बातचीत हुई थी। 20-25 मिनट की बातचीत के दौरान वेंडी और सुजाता ने मुद्दे के हल के विशेष कदमों पर चर्चा की, जबकि वेंडी ने अमेरिकी अभियोजक प्रीत भरारा के बयान से दूरी बनाए रखी। भरारा ने न्यूयॉर्क में वरिष्ठ भारतीय राजनयिक की गिरफ्तारी का बचाव किया था।
सूत्रों के मुताबिक भारत को अमेरिका से सकारात्मक संकेत मिले हैं। अमेरिका ने बुधवार को इस घटना को दुर्लभ करार दिया और इसके करीबी एवं परस्पर सम्मानजनक द्विपक्षीय संबंधों का परिचायक नहीं होने की बात कही। राजनयिक की गिरफ्तारी और उनके साथ हुए बर्ताव को लेकर पैदा हुए रोष पर भारतीय मूल के अमेरिकी अभियोजक प्रीत भरारा ने देवयानी के खिलाफ कार्रवाई का बचाव किया था।
भारत ने भरारा पर पलटवार करते हुए उन पर भारतीय कानून प्रणाली में दखलंदाजी करने का आरोप लगाया और कहा कि देवयानी की गिरफ्तारी में राजनयिकों को विशेष छूट प्रदान करने वाली वियना संधि का ध्यान नहीं रखा गया। 39-वर्षीय आईएफएस अधिकारी देवयानी को वीजा जालसाजी के आरोप में 12 दिसंबर को गिरफ्तार किया था और उन्हें अमेरिकी मार्शल सर्विस को सौंप दिया गया था। हालांकि बाद में उन्हें 2,50,000 डॉलर के मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
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