
महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद के बीच आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है. देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया और इसके बाद एक प्रेस कांफ्रेंस कर शिवसेना पर जमकर निशाना साधा. देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना के 50-50 फार्मूले पर अपना रुख साफ करते हुए लिखा कि चुनाव से पहले इस तरह की कोई भी बातचीत शिवेसना के साथ नहीं हुई थी. उन्होंने कहा कि हमने (बीजेपी और शिवसेना) ने विधानसभा चुनाव साथ-साथ लड़े. लेकिन चुनाव के बाद परिस्थितियां बदल गईं. फडणवीस ने इसे जनता के फैसला का अपमान बताते हुए कहा कि चुनाव के बाद शिवसेना ने हमसे संपर्क नहीं किया जबकि वह सीधे कांग्रेस और एनसीपी के संग चर्चा करते हुए नजर आए. फडणवीस के अनुसार चुनाव संपन्न होने के बाद शिवसेना की तरफ से बीजेपी और बीजेपी के शीर्ष नेताओं के लिए कई बयान दिए गए. जोकि स्वागत योग्य नहीं हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने शिवसेना के खिलाफ टिप्पणी नहीं की क्योंकि पार्टी और पार्टी के नेता बाला साहेब ठाकरे का सम्मान करते हैं.
एक तरफ देवेंद्र फडणवीस की प्रेस कांफ्रेंस जारी थी तो वहीं दूसरी तरफ शिवसेना के प्रवक्ता मीडिया के बीच उनके इस बयान की सफाई करते हुए नजर आए. संजय राउत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 50-50 फार्मूले की बात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और अमित शाह के बीच हुई थी. इस दौरान पत्रकारों ने सवाल दागा कि नितिन गडकरी भी सीट बंटवारे को लेकर साफ कर चुके हैं कि शिवसेना के संग कोई बातचीत नहीं हुई थी. तो राउत ने कहा कि यह बात जिस बैठक में हुई थी, उसमें नितिन गडकरी शामिल नहीं थे. इस दौरान उन्होंने शिवसेना द्वारा बीजेपी के शीर्ष नेताओं पर आपत्तिजनक बयान देने पर भी सफाई पेश की और कहा कि हम बीजेपी के शीर्ष नेताओं का सम्मान करते हैं शिवसेना द्वारा कोई बयानबाजी नहीं हुई है.
अगर महाराष्ट्र में कोई भी दल नहीं बना पाता है सरकार तो राज्यपाल के पास हैं ये 4 विकल्प
पहले गडकरी और बाद में देवेंद्र फडणवीस के बयानों से संकेत मिलता है कि सहयोगी शिवसेना के साथ मुख्यमंत्री पद को शेयर नहीं करने के बीजेपी के कड़े रुख में कोई नरमी नहीं आई है. गौरतलब है कि शिवसेना महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद साझा करने की अपनी मांग पर शुक्रवार को भी अड़ी रही और उसने भाजपा से राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए “कार्यवाहक” सरकार के प्रावधान का दुरुपयोग नहीं करने को कहा. शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि भाजपा को शिवसेना के पास तभी आना चाहिए जब वह महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का पद अपनी सहयोगी पार्टी के साथ साझा करने के लिए तैयार हो. शिवसेना प्रवक्ता ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल (नौ नवंबर को) समाप्त हो रहा है. राज्यसभा सदस्य ने कहा, “भाजपा को कार्यवाहक प्रावधान को नहीं खींचना और पर्दे के पीछे से काम नहीं करना चाहिए. हमें बुरा नहीं लगेगा अगर भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में सरकार बनाने का दावा पेश करती है और सरकार बनाती है.”
Video: शिवसेना पर बिफरे फडणवीस, कहा- पीएम मोदी और शाह के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी हुई
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