पंचकुला में डेरा समर्थक.
नई दिल्ली:
डेरा सच्चा सौदाके प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर नाबालिग़ से बलात्कार के मामले में 25 अगस्त (शुक्रवार) को पंचकुला सीबीआई कोर्ट का फ़ैसला आना है. लेकिन दो दिन पहले से ही उनके अनुयायी बड़ी संख्या में चंडीगढ़ से लेकर पंचकुला तक इकट्ठा हो गए हैं. इसको देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से हाईअलर्ट पर है और हरियाणा-पंजाब के कई जगहों पर कर्फ्यू जैसे हालात हैं.
हरियाणा और पंजाब सरकार ने सेना को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में संभावित खतरे को लेकर सेना को जानकारी दी गई है. इस चिट्ठी में कहा गया है कि ज़रूरत पड़ने पर सेना को बुलाया जा सकता है. दोनों ही राज्य सरकारों द्वारा इस चिट्ठी में कहा गया है कि शांति ब्यवस्था बनाये रखने के लिये वह सेना से अपील कर सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि फिलहाल सेना बुलाने पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. उधर, चिट्ठी के बाद स्थानीय प्रशासन सेना के संपर्क में है. हर घटना का अपडेट दे रही है. स्थानीय प्रशासन अभी हालात का जायजा ले रहा है.
चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब में पैरामिलिट्री फॉर्सेज की 167 कंपनिया तैनात हैं और 10 की और मांग की गई है. एक कंपनी में 100 जवान और अफसर हैं.
पढ़ें: कोर्ट कल सुनाएगा फैसला, जानें- डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ क्या है मामला...
सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पंजाब और हरियाणा सरकार ने संयुक्त फैसले में 72 घंटे के लिए मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. दरअसल, अफवाहों के कारण भी स्थिति खराब हो जाती है, जिसके चलते दोनों राज्यों की सरकारों ने यह फैसला किया है.
इस सबके बीच गुरमीत राम रहीम ने फेसबुक और ट्विटर के जरिए लिखा है कि हमने सदा क़ानून का सम्मान किया है, हालांकि हमारी बैक में दर्द है, फिर भी कानून की पालना करते हुए हम कोर्ट ज़रूर जाएंगे. हमें भगवान पर दृढ़ यकीन है. सभी शांति बनाए रखें.
पढ़ें: रहस्य से कम नहीं है डेरा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम का जीवन, पढ़ें- 13 ऐसी बातें जो कर देंगी आपको हैरान
उधर, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सवाल उठाए हैं. डेरा समर्थकों के जमा होने पर हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा है कि क्यों न डीजीपी को डिसमिस कर दिया जाए. आखिर कैसे लाखों लोग पंचकूला पहुंचे. प्रदेश में धारा -144 लागू करने का क्या मतलब था. अगर जरूरत हो तो आर्मी को स्टैंड बाय रखा जाए.
हरियाणा और पंजाब सरकार ने सेना को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में संभावित खतरे को लेकर सेना को जानकारी दी गई है. इस चिट्ठी में कहा गया है कि ज़रूरत पड़ने पर सेना को बुलाया जा सकता है. दोनों ही राज्य सरकारों द्वारा इस चिट्ठी में कहा गया है कि शांति ब्यवस्था बनाये रखने के लिये वह सेना से अपील कर सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि फिलहाल सेना बुलाने पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. उधर, चिट्ठी के बाद स्थानीय प्रशासन सेना के संपर्क में है. हर घटना का अपडेट दे रही है. स्थानीय प्रशासन अभी हालात का जायजा ले रहा है.
चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब में पैरामिलिट्री फॉर्सेज की 167 कंपनिया तैनात हैं और 10 की और मांग की गई है. एक कंपनी में 100 जवान और अफसर हैं.
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सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पंजाब और हरियाणा सरकार ने संयुक्त फैसले में 72 घंटे के लिए मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. दरअसल, अफवाहों के कारण भी स्थिति खराब हो जाती है, जिसके चलते दोनों राज्यों की सरकारों ने यह फैसला किया है.
इस सबके बीच गुरमीत राम रहीम ने फेसबुक और ट्विटर के जरिए लिखा है कि हमने सदा क़ानून का सम्मान किया है, हालांकि हमारी बैक में दर्द है, फिर भी कानून की पालना करते हुए हम कोर्ट ज़रूर जाएंगे. हमें भगवान पर दृढ़ यकीन है. सभी शांति बनाए रखें.
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उधर, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सवाल उठाए हैं. डेरा समर्थकों के जमा होने पर हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा है कि क्यों न डीजीपी को डिसमिस कर दिया जाए. आखिर कैसे लाखों लोग पंचकूला पहुंचे. प्रदेश में धारा -144 लागू करने का क्या मतलब था. अगर जरूरत हो तो आर्मी को स्टैंड बाय रखा जाए.
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