'अब तक जमा क्यों नहीं करवाए' के सवाल पर फूट पड़ा लोगों का गुस्सा, पढ़ें ये दिया जवाब

'अब तक जमा क्यों नहीं करवाए' के सवाल पर फूट पड़ा लोगों का गुस्सा, पढ़ें ये दिया जवाब

नोटबंदी : लोग बैंक फॉर्म में अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं

खास बातें

  • बैंक फॉर्म में लोग अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं
  • रोज नए नियमों को लेकर लोग भ्रम की स्थिति में हैं
  • वित्तमंत्री का बयान भी भ्रम पैदा करने वाला
नई दिल्ली:

आरबीआई की ओर से आए नए दिशा-निर्देशों को लेकर अब भ्रम की स्थिति पैदा होने लगी है.वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को बयान दिया था कि पहली बार नोट जमा करवाने पर कोई सवाल नहीं होगा वहीं आरबीआई की चिट्ठी में कहा गया कि 500 और हजार रुपये के पुराने नोट यदि 5000 रुपये से ज्यादा होंगे तो पूछा जाएगा कि अब तक पैसे जमा क्यों नहीं करवाए. ग्राहक भी इसे लेकर गुस्से में हैं, क्योंकि नोटबंदी की घोषणा के दौरान ऐलान किया गया था कि आप पुराने नोटों को 30 दिसंबर तक बैंकों में जमा करवा सकते हैं, लेकिन अब रोज नित-नए नियम ग्राहकों को परेशान कर रहे हैं. नतीजा लोग बैंकों के फॉर्म पर ही अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं.

अब तक पैसे जमा क्यों नहीं करवाए पर ....ये हैं जवाब

स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव ने फेसबुक पर बैंक फॉर्म  (Why this could not ne deposite earlier) में अपनी प्रतिक्रिया को शेयर किया है. उन्होंने लिखा कि  8 नवंबर 2016 से आज तक मैंनें कोई कैश अपने अकाउंट में जमा नहीं करवाया है. मुझे कोई कारण समझ में नहीं आता कि मैं इसके [बैंक में देरी से डिपोज़िट करवाने] लिए विशेष स्पष्टीकरण क्यों दूं. आमतौर पर मैं क़तार ख़त्म होने का इंतज़ार करना पसंद करता हूं. प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री और आरबीआई ने मुझे आश्वासन दिया था कि बैंकों की ओर भागने की ज़रूरत नहीं है, डिपॉजिट के लिए मेरे पास 30 दिसंबर तक का समय रहेगा. मैंनें उनका भरोसा किया. योगेंद्र यादव ने कहा कि मेरी चिंता इस बात से नहीं है कि ऐसे फ़रमान की वजह से मेरे जैसे कई लोगों को थोड़ी असुविधा हुई. यह तो छोटी बात है. असल सवाल है वित्तीय और बैंकिंग संस्थाओं की वैधता और विश्वसनीयता का. सरकार आज एक वादा करती है, कल उसे वापस ले लेती है। हमें याद रखना चाहिए कि करेंसी काग़ज़ का एक टुकड़ा मात्र है और इसलिए चलता है क्योंकि लोग उसमें विश्वास करते हैं। जिस दिन यह विश्वास ख़त्म हो जाएगा, करेंसी का कोई मूल्य नहीं होगा, दुर्भाग्य की बात है कि हमारी सरकार इस बात को नहीं समझ पा रही है.


पेशे से टीचर एक व्यक्ति बैंक में नोट जमा करवाने गए तो उनसे पूछा गया कि अब तक पैसे जमा क्यों नहीं करवाए तो उन्होंने सीधा सा जवाब दिया कि मुझे लगा आखिरी दिनों में करवाऊंगा....क्योंकि बैंकों में काफी भीड़ थी. मैं भीड़ में खड़ा नहीं हो सकता. लेकिन रोज आ रहे नियम मुझे परेशान कर रहे हैं. इसलिए आज मैं सारे पैसों को जमा करवाने आ गया.

बैंक में रुपये जमा करवाने आई एक घरेलू महिला ने लिखा कि बेटे की शादी का इंतजार कर रही थी. मुझे पता था कि शादी में लोग पुराने नोट दे जाएंगे. सो इकट्ठे अब हुए हैं... मैं ले आई. अब जमा करिए...

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नोट जमा करवाने आए एक छोटे दुकानदार ने लिखा कि प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री जी ने मना किया था कि जल्दबाजी की जरूरत नहीं है. यह जवाब देखकर बैंककर्मी भी सख्ते में आ गए.

एक सब्जी विक्रेता ने लिखा मेरी क्या गलती है.... आपने 30 तारीख दी थी तो अब जमा करें... बार-बार सवाल पूछकर परेशान क्यों किया जा रहा है....

दिहाड़ी मजदूर ने लिखा कि मुझे नहीं पता... सरकार से पूछो... कभी कुछ कहते हैं कभी कुछ कहते हैं. सुबह से लाइन में लगे हैं. काम पर भी जाना है.

हालांकि सरकार ने आज अपना 5000 रुपये वाला सर्कुलर वापस ले लिया है. अब ग्राहकों से अब तक पैसे जमा न करने की वजह नहीं पूछी जाएगी.

 


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