
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)
रुड़की:
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने नोटबंदी को भारत को एक आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में उठाया गया एक कदम बताते हुए कहा कि केवल एक साहसी और दूरदृष्टि रखने वाला प्रधानमंत्री ही इस तरह का साहसिक निर्णय कर सकता है.
शनिवार को भाजपा की परिवर्तन यात्रा को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, '500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद करना राष्ट्रहित में किया गया निर्णय है. यदि इससे चीजें बेहतर होती हैं, तो क्या देश के लोग थोड़ी असुविधा नहीं उठा सकते?'
उन्होंने कहा, 'यह एक ऐसा कदम है, जिससे इस देश को आर्थिक महाशक्ति बनने में मदद मिलेगी. केवल एक साहसिक और दूरदृष्टि रखने वाला प्रधानमंत्री ही इस तरह का निर्णय कर सकता है.' लोगों को थोड़ा और सब्र करने की गुजारिश करते हुए उन्होंने कहा कि करीब एक महीने के भीतर वे अपने खाते से जितना चाहे, उतना पैसा निकाल सकेंगे.
लोगों से देश को आजादी दिलाने के लिए युवावस्था में ही बलिदान देने वाले चंद्रशेखर आजाद और अशफाक उल्लाह खान जैसे नेताओं से प्रेरणा लेने की बात करते हुए राजनाथ ने कहा कि कभी-कभी राष्ट्रहित में सख्त निर्णय लेने होते हैं.
राजनाथ ने राहुल गांधी के उस बयान पर चुटकी ली जिसमें उन्होंने (राहुल ने) कहा था कि यदि वह अपना मुंह खोलेंगे तो भूचाल आ जाएगा. राजनाथ ने कहा, 'यद्यपि वह रोजाना बोलते हैं, लेकिन भूचाल के क्या कहने, कहीं से हवा तक नहीं चली.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
शनिवार को भाजपा की परिवर्तन यात्रा को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, '500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद करना राष्ट्रहित में किया गया निर्णय है. यदि इससे चीजें बेहतर होती हैं, तो क्या देश के लोग थोड़ी असुविधा नहीं उठा सकते?'
उन्होंने कहा, 'यह एक ऐसा कदम है, जिससे इस देश को आर्थिक महाशक्ति बनने में मदद मिलेगी. केवल एक साहसिक और दूरदृष्टि रखने वाला प्रधानमंत्री ही इस तरह का निर्णय कर सकता है.' लोगों को थोड़ा और सब्र करने की गुजारिश करते हुए उन्होंने कहा कि करीब एक महीने के भीतर वे अपने खाते से जितना चाहे, उतना पैसा निकाल सकेंगे.
लोगों से देश को आजादी दिलाने के लिए युवावस्था में ही बलिदान देने वाले चंद्रशेखर आजाद और अशफाक उल्लाह खान जैसे नेताओं से प्रेरणा लेने की बात करते हुए राजनाथ ने कहा कि कभी-कभी राष्ट्रहित में सख्त निर्णय लेने होते हैं.
राजनाथ ने राहुल गांधी के उस बयान पर चुटकी ली जिसमें उन्होंने (राहुल ने) कहा था कि यदि वह अपना मुंह खोलेंगे तो भूचाल आ जाएगा. राजनाथ ने कहा, 'यद्यपि वह रोजाना बोलते हैं, लेकिन भूचाल के क्या कहने, कहीं से हवा तक नहीं चली.'
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