'भारत की लोकतांत्रिक स्थिति में गिरावट': अमेरिकी सीनेट की एक कमेटी के प्रमुख ने जताई चिंता

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन (US Defense Secretary Lloyd J Austin) की नई दिल्ली यात्रा से ठीक एक दिन पहले सीनेट की एक समिति ने एक पत्र जारी कर भारत में लोकतांत्रिक स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है.

'भारत की लोकतांत्रिक स्थिति में गिरावट': अमेरिकी सीनेट की एक कमेटी के प्रमुख ने जताई चिंता

समिति प्नमुख ने कहा कि भारत किसान आंदोलन के दौरान आलोचना से निपटने को लेकर कठोर रहा है.

नई दिल्ली:

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन (US Defense Secretary Lloyd J Austin) की नई दिल्ली यात्रा से ठीक एक दिन पहले सीनेट की एक समिति ने एक पत्र जारी कर भारत में लोकतांत्रिक स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है. ऑस्टिन जो बाइडेन प्रशासन के पहले ऐसे अधिकारी हैं, जो भारत यात्रा पर आ रहे हैं. ऑस्टिन से भारत में लोकतंत्र को लेकर व्यक्त की जा रही चिंताओं पर सवाल उठाने को कहा गया है.

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ऑस्टिन को लिखे पत्र में सीनेटर राबर्ट मेननदेज ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए साझेदारी बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन यह साझेदारी लोकतांत्रिक मूल्यों के पालन पर टिकी होनी चाहिए, लेकिन भारत सरकार इन मूल्यों से दूर जा रही है. सीनेट की विदेश मामलों की कमेटी के चेयरमैन (US Senate Foreign Affairs Committee chief) मेननदेज ने कहा कि भारत में किसानों के चल रहे आंदोलन के खिलाफ सरकार की कार्रवाई, पत्रकारों और सरकार के आलोचकों को डराने-धमकाने से यह रेखांकित होता है कि भारत में लोकतांत्रिक स्थिति कमजोर हो रही है.

मेननदेज ने लिखा, हालिया वर्षों में मुस्लिम विरोध की बढ़ती भावना और नागरिकता संशोधन कानून जैसे कदम, राजनीतिक संवाद का दमन और कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद राजनीतिक विरोधियों की गिरफ्तारी के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ राजद्रोह कानून का इस्तेमाल  जैसे कदमों के कारण अमेरिकी मानवाधिकार समूह फ्रीडम हाउस ने अपने वैश्विक सर्वे में भारत के स्वतंत्र होने का दर्ज कमतर कर उसे आंशिक स्वतंत्र कर दिया है. समिति ने कहा है कि भारत किसान आंदोलन के दौरान आलोचनाओं से निपटने को लेकर कठोर रहा है.

गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में किसान आंदोलन को लेकर उठी आवाजों पर कहा था कि सुनियोजित तरीके से भारत  को निशाना बनाने की मुहिम कभी सफल नहीं होगी. हम अपनेआप को मजबूत करने का साहस है और आज का भारत आपको सफल नहीं होने देगा. अमेरिका में इससे पहले किसान आंदोलन पर टिप्पणियों पर भारत ने कैपिटल हिल की घटना का उल्लेख किया था.

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि 26 जनवरी को लाल किले पर हिंसा और तोड़फोड़ की घटना के खिलाफ भारत में ऐसी ही भावनाएं और प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं, जैसे कि 6 जनवरी को कैपिटल हिल पर हुई हिंसा को लेकर, दोनों ही मामलों में स्थानीय कानूनों के अनुसार निपटा जा रहा है. हालांकि भारत में कृषि सुधारों को लेकर अमेरिकी सरकार के समर्थन का सरकार ने स्वागत भी किया था.