दिल्ली सरकार (Delhi Government) की कैबिनेट की बैठक शनिवार को हुई. इस दौरान कई अहम निर्णय लिए गए. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने बताया कि हेल्थ इनफॉरमेशन मैनेजमेंट सिस्टम के तहत दिल्ली के सारे अस्पतालों को एक साथ जोड़ा जा रहा है और एक प्लेटफार्म पर लाया जा रहा है. एक पोर्टल बनाया जा रहा है, जिसके जरिये हमें पता रहेगा कि किस अस्पताल में कितने बेड खाली हैं, किस अस्पताल में कितनी दवाई है, स्टाॅफ और मेडिकल की स्थिति का एक बटन क्लिक करने पर पता चल जाएगा. अस्पतालों में लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी, फोन पर ही डॉक्टर से अपॉइंटमेंट फिक्स कर सकते हैं और तय समय पर अस्पताल जा सकते हैं. यह पूरा सिस्टम बनाने का कॉन्ट्रैक्ट आज NEC कम्पनी को दे दिया गया है. 130 करोड़ का ये पूरा प्रोजेक्ट है. इसके लिए पैसा भी स्वीकृत कर दिया गया है.
उन्होंने बताया कि लगभग 7000 नए बेड सरकारी अस्पताल में तैयार किए जा रहे हैं, यह बहुत बड़ा इजाफा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए है. दिल्ली में आज दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 10,000 बेड हैं. अब 6800 बेड और बढ़ाए जा रहे हैं. यह तरह से 70 फीसद इजाफा है जो कि कोई छोटी बात नहीं है. यह बेड 6 महीने के अंदर बनकर तैयार हो जाएंगे. एक तरफ अगर कोरोना की लहर आती है तो उसमें मदद मिलेगी, लेकिन अगर लहर नहीं भी आती है तो यह दिल्ली के लोगों के लिए स्थाई तौर पर 7000 नये बेड तैयार हो जाएंगे.
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साथ ही बैठक में डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ सर्विसेज को लेकर निर्णय लिया गया है. दिल्ली में लगभग डेढ़ सौ सर्विस ऐसी हैं, जो 1076 फोन नंबर पर कॉल करने पर आपके घर पर आकर आपका काम करके देकर जाती है. यह पूरे देश में अपने तरह की अकेली सर्विस है, जो कंपनी अब तक ये सर्विस दे रही थी उसका कॉन्ट्रैक्ट इस महीने पूरा हो रहा है. इस सर्विस को एक नए तरीके से और ज्यादा अच्छा बना कर, सुदृढ़ बना कर दोबारा टेंडर निकाले जाएंगे. इसके बारे में कैबिनेट ने निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा कि इसमें कई सारे बदलाव किए गए हैं, जैसे 1076 को टोल फ्री किया जाएगा. पहले पूरी दिल्ली को एक ही कंपनी मैनेज करती थी, लेकिन अब इसे दो हिस्सों में बांटा जा रहा है ताकि इनके बीच में एक तरह से प्रतिस्पर्धा भी रहे. अगर एक कंपनी का काम ठीक नहीं होता तो दूसरी कंपनी को शामिल किया जा सकता है, इस तरह के कई बदलाव किए हैं.
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